नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल में हुए नगर पालिका भर्ती घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सौंपने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली ममता बनर्जी सरकार की याचिका आज सोमवार (21 अगस्त) को खारिज कर दी। प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने प्रथम दृष्टया पाया कि नगर पालिका भर्ती से संबंधित अनियमितताएं शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ी हुई प्रतीत होती हैं।
वहीं, ममता बनर्जी सरकार की तरफ से अदालत में पेश हुए पूर्व कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि ED के पास इस मामले में कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है और निकाय इस बिंदु पर केवल अधिकारियों को "निशाना" बना रहा है। 40 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) की मदद से राज्यसभा पहुंचे वकील सिब्बल ने कहा कि, 'यह किन अन्य राज्यों में हो रहा है? यहां ED का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। वे यहां मनी लॉन्ड्रिंग के लिए हैं, वे अधिकारियों को बुला रहे हैं और कह रहे हैं कि धारा 50 PMLA के तहत बयान दर्ज किए जाएंगे। यह अब एक घूमती हुई पूछताछ बन रही है, ED इस सब में कैसे आती है?'
इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि शिक्षक भर्ती घोटाले में CBI ने अंतिम फैसला ले लिया है और गवाहों के बयानों की भी जांच कर ली गई है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका भर्ती घोटाला (रिश्वत लेकर नौकरी देना), शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित होने के कारण राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी गयी है। अधिकारियों ने कहा कि इस बीच, ED ने स्कूल नौकरियों घोटाले की जांच के सिलसिले में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में कई तलाशी लीं। ED के एक अधिकारी ने कहा, "हम इस कंपनी के माध्यम से किए गए धन के फर्जी हस्तांतरण के संबंध में कुछ विशिष्ट दस्तावेजों की तलाश कर रहे हैं।" अब तक, शिक्षक भर्ती घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग पहलू की जांच के दौरान शिक्षा विभाग के कई पदाधिकारियों और बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार किया गया था।
इसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने नगर निगम भर्ती घोटाले की जांच ED-CBI को सौंपी थी, लेकिन राज्य की ममता सरकार इन एजेंसियों से जांच करवाने के पक्ष में नहीं है। इसी कारण बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलें शीर्ष अदालत में काम नहीं आईं और कोर्ट ने ममता सरकार की याचिका ख़ारिज कर दी। जिसके बाद अब CBI-ED बंगाल में हुए नगर निगम भर्ती घोटाले की जांच जल्द आगे बढ़ा सकती है। इससे पहले एजेंसियों ने बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की भी जांच की थी, जिसमे पता चला था कि, ममता सरकार में शिक्षा मंत्री रहे पार्थ चटर्जी ने लोगों से भारी-भरकम रिश्वत लेकर, उन्हें शिक्षक की नौकरी दे दी थी, इनमे से कई शिक्षक तो अपात्र भी थे, लेकिन पैसे लेकर उन्हें नौकरी दे दी गई। इस मामले में कई TMC नेताओं की गिरफ़्तारी हो चुकी है, वहीं अब नगर निगम भर्ती घोटाले में भी वैसे ही आरोप लगे हैं, जिसकी जांच ED-CBI के हाथ में आई है।
कावेरी के पानी को लेकर लड़ रहे कर्नाटक और तमिलनाडु, अब सुप्रीम कोर्ट ने उठाया ये कदम