शिमला: राज्य में जो स्कूल दूरदराज स्कूलों में बसे हुए हैं, ऐसे स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग द्वारा कुछ सख्त दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं. जिन भी स्कूलों में छात्रों द्वारा मिड डे मील बनाने के लिए जंगलो या वन क्षेत्रों से लकड़ियों को लाया जा रहा था, ऐसी प्रथा को अब विभाग द्वारा बंद कर दिया गया हैं. विभाग द्वारा यह दिशा-निर्देश छात्रों की पढ़ाई के स्तर को सुधारने के लिए दिए गए हैं. साथ ही इसके लिए विद्यालय को इस संबंध में दूसरीं व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया हैं.
प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछड़े और दूरदराज इलाको में स्थित क्षेत्रों में मिड डे मील बनाने के लिए जंगल की लकड़ियों का उपयोग किया जाता था, और इन लकड़ियों को इकठ्ठा करने के लिए छात्रों का सहारा लिया जाता था, इसके बाद मिड डे मील पकाया जाता था, लेकिन इससे इन बच्चों की पढाई पर इसका बुरा असर पड़ता था.
अब मिड-डे मिल कर्मचारी ला रहे लकड़ियां... विभाग के आदेश के बाद अब यह काम कर्मचारियों के द्वारा किया जा रहा हैं. राज्य के कई दूरगामी विद्यालयों में इस प्रकार की व्यवस्था हैं. कर्मचारी लकड़ियों की व्यवस्था करते हैं, और इसके लिए विभाग द्वारा उन्हें राशि भी प्रदान की जाती हैं. कई विद्यालयों में काम इसी तरह चल रहा हैं. साथ ही अब मिड डे मील के लिए घरेलू गैस उपलब्ध करवाए जाने की मांग भी की जा रही हैं.
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