बिना मान्यता और बिना किसी प्रशासन के खौफ के संचालन होने वाले विद्यालयों की सहायता कई मान्यता प्राप्त विद्यालयों के द्वारा की जा रही है. लेकिन अब इन का तालमेल ज्यादा समय तक नहीं चल पायेगा, क्योंकि शिक्षा विभाग ने इस तरह के धोखाधड़ी वाले स्कूलों पर नजर रखने के लिए अपनी कमर कस ली है. विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ जो विद्यालय मान्यता प्राप्त है, ऐसे विद्यालयों ने बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट क्लास के परीक्षा फॉर्म भरे हैं.
अब शिक्षा विभाग द्वारा यह जांच की जाएगी की किस विभाग में आवश्यकता से अधिक विद्यार्थियों के फॉर्म भरे गए है. और विद्यालय के डेटा के अनुसार छात्रो का मिलान किया जाएगा.अगर कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो स्कूल और छात्रों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
संबद्ध करके भरवाते हैं परीक्षा फॉर्म...
डीआईओएस पी. के. उपाध्याय के अनुसार अमान्यता प्राप्त स्कूल अपने छात्रो को मान्यता प्राप्त स्कूलों के साथ सम्बद्ध कर देते है. और मान्यता प्राप्त विद्यालयों के द्वारा परीक्षा के दौरान छात्रों से बड़ी मोटी फीस भी वसूली जाती है. इन स्कूल में किसी प्रकार की पढाई नही होती है, बस छात्रों को एडमिशन प्रदान किया जाता है. बिना मान्यता प्राप्त करीब 100 से ज्यादा स्कूल संचालित हो रहे है. अब उपलब्ध सुविधाओं से अधिक दाखिला पाए जाने पर स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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