अहमदाबाद: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार (2 जून 2022) को बताया है कि विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार करने और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) की प्रयोगशाला बनाने के लिए पूरे देश में मॉडल स्कूल स्थापित करने की योजना पर कार्य जारी है। इन स्कूलों को ‘पीएम श्री स्कूल’ के नाम से जाना जाएगा।
गुजरात के गाँधीनगर में राष्ट्रीय स्कूल शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन के दूसरे दिन धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, 'पीएम श्री स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की प्रयोगशाला होंगे। वे भविष्य के लिए विद्यार्थियों को तैयार करने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित होंगे।' इसके साथ ही उन्होने राज्यों से पीएम श्री स्कूलों के रूप में एक फ्यूचरिस्टिक बेंचमार्क मॉडल बनाने के लिए अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए कहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, 'आने वाले 25 वर्ष भारत को नॉलेज इकॉनोमी के तौर पर स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो वैश्विक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, हम एक ऐसी सभ्यता हैं जो वसुधैव कुटुम्बकम में यकीन रखती है। हमें यह महसूस करना चाहिए कि हमारे पास न सिर्फ हमारे देश की, बल्कि दुनिया की भी जिम्मेदारियाँ हैं।'
धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 5+3+3+4 दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला। NEP प्री-स्कूल से माध्यमिक तक, ECCE पर जोर, शिक्षकों का प्रशिक्षण और वयस्क शिक्षा, स्कूली शिक्षा के साथ स्किल डेवलपमेंट का एकीकरण को तरजीह दी गई। अपनी मातृभाषा में सीखना 21वीं सदी के वैश्विक नागरिकों को तैयार करने वाला अहम कदम है। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बेहतर प्रैक्टिस यही है कि विभिन्न राज्यों से आने वाले युवाओं को ‘विश्व-मानव’ के रूप में बदला जाए। इससे कर्नाटक, ओडिशा, दिल्ली, मेघालय, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा के मॉडलों से शिक्षा बिरादरी को बहुत ज्यादा फायदा हो सकता है।
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