कोलकाता: पश्चिम बंगाल में SSC ग्रुप-सी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में ममता बनर्जी सरकार ने अभी तक राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और पांच मौजूदा और पूर्व सरकारी कर्मचारियों को आरोपपत्र में नामजद करने की इजाजत नहीं दी है। ऐसा केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के एक सूत्र का कहना है। CBI सूत्रों के अनुसार, इस इजाजत के लिए पहले राज्य सरकार को पत्र भेजा गया था, जिसका अभी तक कोई उत्तर नहीं आया है। बता दें कि CBI ने पार्थ चटर्जी समेत 16 आरोपियों के खिलाफ अलीपुर कोर्ट में शुक्रवार को आरोपपत्र दाखिल किया था, मगर अब इसे लेकर कानूनी अड़चन पैदा हो गया है।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 के मुताबिक, किसी भी राज्य सरकार के कर्मचारी या अधिकारी के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने के लिए राज्य की इजाजत चाहिए होती है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह नियम तब भी लागू होता है, जब छानबीन शुरू होने के वक़्त कोई सार्वजनिक पद धारण करने वाले आरोपपत्र पेश करने के समय रिटायर हो गए हों। जांचकर्ताओं के मुताबिक, अधिनियम की इस धारा के आधार पर SSC ग्रुप सी भर्ती मामले में पार्थ समेत 6 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने के लिए कुछ हफ्ते पहले ममता बनर्जी सरकार को एक पत्र भेजा गया था, मगर, CBI सूत्रों का दावा है कि उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।
CBI ने शुक्रवार को ग्रुप-सी टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति में भ्रष्टाचार के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया। इसमें पार्थ चटर्जी के अलावा 16 आरोपियों के नाम हैं। CBI ने मध्य शिक्षा परिषद के पूर्व सलाहकार शांतिप्रसाद सिन्हा, समरजीत आचार्य, सौमित्र सरकार, मध्य शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष, अशोककुमार साहा, तदर्थ समिति के अध्यक्ष कल्याणमय गंगोपाध्याय के साथ कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया हैं।
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