वैशाली: बिहार के वैशाली में अपनी जन सुराज पदयात्रा के चलते चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था कभी बहुत अच्छी नहीं थी, किन्तु बीते 5-6 सालों में उत्क्रमित स्कूलों और नियोजित शिक्षकों के आधार पर जो शिक्षा व्यवस्था बनाई गई है, वह पूरी तरह से बेकार है। विद्यालयों में खिचड़ी बांटी जा रही है तथा कॉलेजों में सिर्फ डिग्री बांटी जा रही है।
उन्होंने कहा कि कुछ व्यक्तियों का मानना है कि अध्यापकों की गुणवत्ता के कारण शिक्षा व्यवस्था खराब हो गई मगर यह पूरी तरीके से सच नहीं है। स्कूल में भले ही शिक्षक नियोजित हैं, मगर कॉलेज में तो नियोजित शिक्षक नहीं पढ़ा रहे हैं, किन्तु इसके बाद भी वहां पर पढ़ाई नहीं हो रही है। कॉलेज में बच्चे एक बार नामांकन के लिए जाते हैं, दूसरी बार एडमिट कार्ड लेकर परीक्षा देते हैं, फिर डिग्री लेकर निकल जाते हैं। नीतीश कुमार जैसे पढ़े-लिखे व्यक्ति के मुख्यमंत्री रहते हुए भी बिहार की शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। उनके कार्यकाल का जब भी इतिहास लिखा जाएगा शिक्षा को सबसे बड़ा काला अध्याय के रूप में देखा जाएगा।
एक दिन पहले प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा था कि बिहार में दो नए उद्योग आरम्भ हो गए हैं- शराब माफिया और बालू माफिया। उन्होंने कहा, "शराब माफिया और बालू माफिया आज से 5-7 वर्ष पहले इतने बड़े स्तर पर नहीं थे, जितने कि आज हो गए हैं।" बिहार में आज लाखों करोड़ों रुपये की शराब और बालू की लूट हो रही है। इसमें नीचे से ऊपर तक लोग मिले हुए हैं। शराबबंदी के नाम पर शराब की दुकान बंद है मगर शराब की घर-घर होम डिलीवरी हो रही है। बिहार में किसानों की बदहाली पर भी प्रशांत किशोर ने नीतीश को घेरा था। उन्होंने दावा किया था कि बिहार में 60 फीसदी लोगों के पास अपनी जमीन ही नहीं है, केवल पेट भरने के लिए खेती कर रहे हैं। 40 फीसदी लोग जिनके पास जमीन भी है, उनमें से 35 फीसदी व्यक्तियों के पास 2 बीघे से भी कम जमीन है।
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