नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब के इस्तेमाल मामले पर सुनवाई करते हुए आज गुरुवार (15 सितम्बर) को अहम टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने हिजाब विवाद की सुनवाई करने के दौरान कहा कि नियमों के अनुसार, शैक्षणिक संस्थानों को अपना यूनिफॉर्म तय करने का पूरा अधिकार है और हिजाब इससे अलग है।
बता दें कि, इस मामले पर शीर्ष अदालत लगातार सुनवाई कर रहा है। सोमवार को भी इस मामले पर सुनवाई जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, 'नियम यही कहते हैं कि शैक्षणिक संस्थानों को यूनिफॉर्म (ड्रेस) को निर्धारित करने का पूरा अधिकार है और हिजाब इससे अलग है।' शीर्ष अदालत की इस टिप्पणी को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि कर्नाटक के जिस स्कूल से यह मुद्दा उठा है उसका प्रबंधन भी यही दलील देते आया है।
हिजाब मामले में लगातार अपने तर्क बदल रहा मुस्लिम पक्ष :-
बता दें कि सोमवार को हुई सुनवाई में मुस्लिम पक्ष ने अपने सुर बदलते हुए कहा था कि हिजाब की आवश्यकता को कुरान की जगह महिला के अधिकार के तौर पर देखा जाना चाहिए। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी अधिवक्ता से बदलते तर्कों पर जवाब मांगा है। इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने हिजाब को इस्लाम में आवश्यक बताया था। लेकिन, जब कोर्ट ने कहा कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य नहीं है, तो मुस्लिम पक्ष के वकील कहने लगे कि इसे क़ुरान या इस्लाम के नजरिए से नहीं बल्कि, महिला अधिकार के हिसाब से देखा जाना चाहिए। बता दें कि, महिला अधिकार के अनुसार देश की महिलाओं को अपने मन मुताबिक कुछ भी पहनने की आज़ादी है, लेकिन शिक्षण संस्थानों के नियम अलग होते हैं। ऐसे में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने की मांग को लेकर ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
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