शुक्र ग्रह के अलग-अलग प्रभाव होते है। पहला प्रभाव में संबंधित जातक को न केवल विपरित लिंगियों के बीच लोकप्रियता बनाता है तो वहीं संबंधित जातक की पत्नी भी हमेशा बीमार बनी रहती हे। इसके अलावा शुक्र के पहले प्रभाव में यह भी दिखाई देता है कि जातक न केवल रोमांटिक मुड़ में हमेशा बना रहता है तो वहीं अन्य महिलाओं के प्रति भी आकर्षण तो बना ही रहता है वहीं वह सेक्स करने के लिए भी पीछे नहीं हटने से गुरेज नहीं करता।
कमाई शुरू करने से पहले ही जातक की शादी हो जाती है। ऐसा जातक हम उम्र लोगो का नेता बन जाता है लेकिन परिवार के सदस्यों का नेतृत्व करना मुसीबतों का कारण बनता है।
ऐसा जातक कपडों के व्यापार से बहुत लाभ कमाता है। आमतौर पर ऐसे जातक की रुचि धार्मिक गतिविधियों में नहीं होती। जब वर्षफल में शुक्र सातवें भाव में आता है तो यह जीर्ण ज्वर और खूनी खाँसी का कारण बनता है।
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