कोच्ची: केरल विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से लक्षद्वीप (Lakshadweep) के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल को वापस बुलाने और लक्षद्वीप मुद्दे पर केंद्र सरकार के दखल की मांग का प्रस्ताव पारित किया है. इसी के साथ, केरल देश का पहला ऐसा सूबा बन गया है, जिसने केंद्र शासित प्रदेश में हुए हालिया घटनाक्रमों को लेकर प्रस्ताव पास किया है.
केरल के सीएम पिनराई विजयन ने सरकारी प्रस्ताव पेश किया, जो 15वीं विधानसभा में इस प्रकार का पहला प्रस्ताव है. उन्होंने लक्षद्वीप के लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार की आलोचना की है. दरअसल, लक्षद्वीप प्रशासन के मसौदे में बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के गाय, बछड़े, बैल और भैंस की हत्या पर बैन लगाने का आदेश दिया गया है, जिसे लेकर विपक्ष लगातार विरोध करने में जुटा हुआ है.
सीएम पिनराई विजयन ने कहा कि लक्षद्वीप का भविष्य चिंता का विषय है और इसकी अनोखी और स्थानीय जीवनशैली को कमजोर करना अस्वीकार्य है. सीएम विजयन ने अपील की है कि संवैधानिक मूल्यों को कायम रखने का समर्थन करने वालों को लक्षद्वीप के प्रशासक के कदमों का सख्त विरोध करना चाहिए. केरल विधानसभा में पारित किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि लक्षद्वीप में स्थानीय जीवन शैली और पारिस्थतिकी तंत्र नष्ट करके ‘भगवा एजेंडे’ और कॉरपोरेट हितों को थोपने का प्रयास किया जा रहा है.
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