नई दिल्ली: मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी, 26 जनवरी को होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय ने रविवार (27 नवंबर) को इस संबंध में जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि, 'यह पहली दफा है, जब अरब गणराज्य मिस्र के राष्ट्रपति हमारे गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट होंगे।' पीएम नरेंद्र मोदी ने अल-सीसी को औपचारिक निमंत्रण भेज दिया था, जो विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 16 अक्टूबर को मिस्र के राष्ट्रपति को सौंपा था। दोनों देश इस साल राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं सालगिरह भी मना रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि मिस्र को 2022-23 में जी-20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान 'अतिथि देश' के रूप में आमंत्रित किया गया है। बयान में कहा गया है कि भारत और मिस्र के सभ्यतागत व लोगों से लोगों के बीच गहरे रिश्तों पर आधारित मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। मित्र राष्ट्रों के नेता 1950 से ही गणतंत्र दिवस समारोहों की शोभा बढ़ाते रहे हैं। 1950 में इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो को चीफ गेस्ट के रूप में भी आमंत्रित किया गया था।
बता दें कि, 1952, 1953 और 1966 में गणतंत्र दिवस समारोह में चीफ गेस्ट के रूप में कोई विदेशी नेता शामिल नहीं हुआ। वर्ष 2021 में तत्कालीन ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था, मगर ब्रिटेन में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के चलते उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया था। इस साल भारत ने गणतंत्र दिवस समारोह में 5 मध्य एशियाई गणराज्यों के नेताओं को निमंत्रण भेजा था।
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