आप सभी को बता दें कि पवित्र महीने रमजान के बाद अल्लाह की नेमतों को पाने के लिए देशभर में ईद उल फितर का पर्व मनाया जाने वाला है. ऐसे में ईद का यह पर्व रमजान के पूरे होने की खुशी में मनाते है और ईद दुनिया भर के मुसलमानों के लिए खुशी का दिन माना जाता है. ऐसे में आप जानते ही होंगे कि इस्लाम में दो ही खुशी के दिन हैं, ईद-उल फितर और ईद उल जुहा.
वैसे रमजान में पूरे महीने रोजे रखने के बाद ईद-उल फितर मनाई जाती है और आने वाली खबरों के मुताबिक इस बार मीठी ईद 23 या 24 मई को मनाई जाएगी. जी हाँ, ऐसे में रमजान-उल मुबारक महीने के बाद ईद-उल-फितर के इस मुबारक दिन सुबह के वक्त मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाह में जमा होकर ईद की नमाज अदा करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस और लॉकडाउन के मद्देनजर लोगों को ईद की नमाज अपने घरों में ही अदा करनी होगी.
आप सभी को बता दें कि नमाज के पहले हर मुसलमान के लिए फितरा देना फर्ज है और फितरे के तहत प्रति इंसान पौने दो किलो अनाज या उसकी कीमत गरीबों को दी जाती है. वहीँ इसका मकसद यह है कि गरीब भी ईद की खुशी मना सकें. आप सभी जानते ही होंगे कि ईद अल्लाह से इनाम लेने का दिन माना जाता है.
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