बॉलीवुड के चर्चित निर्दशको में शुमार हम बात कर रहे है निर्देशक प्रकाश झा द्वारा निर्मित फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' के बारे में जो के बॉक्स ऑफिस पर अपनी सफलता का परचम लहरा रही है. जी हां बता दे कि, बात करे अगर फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ के बारे में तो यह चार कामकाजी महिलाओ जिनमे है रत्ना पाठक शाह, कोंकणा सेन शर्मा, आहना कुमरा, प्लबिता बोरठाकुर कि दैनिक दिनचर्या की कहानी है जिसमे की यह चारो ही घिरी रहती है. वैसे भी काफी डिबेट और कॉन्ट्रोवर्सी के बाद फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' फाइनली बीते शुक्रवार को आखिर रिलीज़ हुई.
इस ब्लैक कॉमिडी की लेखिका और डायरेक्टर हैं अलंकृति श्रीवास्तव. तथा इस फिल्म की प्रस्तोता एकता कपूर का कहना है कि इस फिल्म की सफलता सिनेमा की जीत है. यह पूछे जाने पर कि फिल्म की सफलता क्या सेंसर बोर्ड और समाज के खिलाफ एक जीत है?
एकता ने कहा, "मैं फिल्मों में कुछ वर्ष पहले आई, इससे पहले मैं टीवी में थी. मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि सभी आपको बता सकते हैं कि फिल्म कैसी थी. लेकिन अच्छी फिल्में दर्शकों तक अपने आप पहुंचती हैं. मुझे लगता है कि यह सिनेमा की बड़ी जीत है." ऐसा लग रहा है कि सेंसर बोर्ड की फिल्म पर बंदिशें और फिल्म को लेकर क्रिएट की गई सारी कॉन्ट्रोवर्सी फिल्म के फेवर में जा रही है.
परिवारवाद पर कुणाल कपूर ने कहा
'राग देश' देखने के दौरान ही CM नितीश पर बरस पड़े दिग्गी राजा...