मुम्बई : चुनाव के समय केंद्र सरकार द्वारा बजट पेश किये जाने के मुद्दे पर भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवेसना ने विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए कहा है कि चुनाव के समय बजट पेश करना आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है? शिव सेना ने इस मुद्दे को उछालकर विपक्ष को ताकत दे दी है.
उल्लेखनीय है कि शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में आयोजित राज्यव्यापी कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि अगर जाति-धर्म के आधार पर वोट मांगना गलत है तो चुनाव के दौरान बजट पेश करना आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं? इसी वजह से मैं राष्ट्रपति से अपील करता हूं कि जब तक घोषित चुनाव के नतीजे नहीं आ जाते, इन्हें बजट के बहाने लोगों को गुमराह करने से रोका जाए. यही नहीं उद्धव ठाकरे ने अपने सांसदों से इस मुद्दे पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से जाकर मिलने को भी कहा.
बता दें कि शिवसेना के अलावा कांग्रेस, आप और सीपीएम भी चुनाव आचार संहिता में बजट पेश किए जाने का खुलकर विरोध कर रहे हैं. इन सभी पार्टियों का आरोप है कि बजट के बहाने बड़ी घोषणाएं कर केंद्र सरकार मतदाताओं प्रभावित करना चाहती है. इस मुद्दे पर चुनाव आयोग के पास ज्ञापन आ चुके हैं. वहीं सरकार इस मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं है.
इसी विषय पर मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी ने कहा कि आयोग के पास राजनीतिक दलों की राय पहुंच चुकी है. इस पर वे विचार विमर्श के बाद फैसला करेंगे.जबकि अरुण जेटली ने बजट को नतीजों तक टालने को खारिज करते हुए कहा कि यह हो नहीं सकता.