अयोध्या: दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ ही उत्तर प्रदेश की अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। चुनाव आयोग के अनुसार, दोनों जगहों पर 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। मिल्कीपुर सीट के लिए उम्मीदवारों का नामांकन 10 जनवरी से शुरू होकर 17 जनवरी तक चलेगा। 18 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी, जबकि प्रत्याशी 20 जनवरी तक अपना नाम वापस ले सकते हैं।
मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर यह उपचुनाव 2022 के विधायक और समाजवादी पार्टी के नेता अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद हो रहा है। अवधेश प्रसाद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद (अयोध्या) सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और बीजेपी के लल्लू सिंह को हराकर जीत हासिल की। लोकसभा सदस्य बनने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, जिससे यह सीट खाली हो गई। 2022 के विधानसभा चुनावों में इस सीट पर सपा ने जीत दर्ज की थी। अब उपचुनाव के लिए सपा ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अब तक अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में मिल्कीपुर सीट का महत्व काफी ज्यादा है। 2022 में हुए नौ विधानसभा उपचुनावों में एनडीए ने सात सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि दो सीटें समाजवादी पार्टी ने जीती थीं। इनमें करहल और सीसामऊ सपा के खाते में गईं, जबकि मझवां, कुंदरकी, खैर, गाजियाबाद सदर, कटेहरी और फूलपुर में बीजेपी ने बाजी मारी। मीरापुर सीट पर राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने जीत दर्ज की। खासतौर पर कुंदरकी सीट का नतीजा चौंकाने वाला रहा, जिसे बर्क परिवार का गढ़ माना जाता था, लेकिन इस बार यहां बीजेपी के रामवीर सिंह ने जीत दर्ज की।
चुनाव आयोग ने यह भी जानकारी दी कि 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा ने अवधेश प्रसाद की जीत को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, अब यह याचिका वापस ले ली गई है। मिल्कीपुर सीट पर चुनावी मुकाबला इस बार भी दिलचस्प रहने वाला है। जहां सपा अपने परंपरागत वोट बैंक को बनाए रखने की कोशिश करेगी, वहीं बीजेपी इसे हथियाने के लिए पूरी ताकत झोंकने को तैयार है। उम्मीदवारों के ऐलान के बाद यहां की सियासी तस्वीर और साफ हो जाएगी।