नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दिल्ली शराब घोटाले में पूछताछ के लिए चौथा समन जारी करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को AAP संयोजक और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। पिछले समन से गायब रहने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए भाजपा ने कहा कि केजरीवाल जांच से ''भाग रहे हैं''।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ''2011-14 तक अरविंद केजरीवाल बड़ी-बड़ी बातें करते थे। उस समय वह कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की बात करते थे, आज वह खुद भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। ऐसा कोई बचा नहीं जिसको अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने ठगा नहीं। अब सवाल उठता है: वह जांच से क्यों भाग रहे हैं?" उल्लेखनीय है कि, इससे पहले, केजरीवाल को ED ने 3 जनवरी को तलब किया था। सीएम केजरीवाल, जो आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं, को 18 जनवरी को एजेंसी के दिल्ली मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। हालांकि, AAP सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल का 18 से 20 जनवरी तक तीन दिवसीय दौरे पर गोवा में रहने का कार्यक्रम है, इस दौरान उनका इरादा लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी की तैयारियों का आकलन करने का है।
केजरीवाल ने 3 जनवरी को तीसरी बार ED की कार्यवाही में शामिल होने से इनकार कर दिया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि एजेंसी के "गैर-प्रकटीकरण और गैर-प्रतिक्रिया" के दृष्टिकोण में कानूनी, न्यायसंगत या उचित आधार का अभाव है। केजरीवाल ने तर्क दिया था कि ED का अडिग रुख न्यायाधीश, जूरी और जल्लाद की भूमिका निभाने जैसा है। केंद्रीय मंत्री ठाकुर की तरह, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि, "हर बार वह जांच को छोड़ने की कोशिश करते हैं। वे जांच से भाग रहे हैं, क्योंकि वे सवालों के जवाब देने से डरते हैं।"
भाजपा नेता बांसुरी स्वराज ने कहा कि यह 'शर्मनाक' है कि केजरीवाल जांच से भाग रहे हैं और अगर ED तलब करती है तो आपको उसके सामने पेश होना चाहिए। अगर आप ईमानदार हैं तो आपको जांच में शामिल होना चाहिए। कानून सभी पर समान रूप से लागू होते हैं।' भाजपा नेता हरीश खुराना ने कहा कि केजरीवाल को चुनाव प्रचार, कानून का सम्मान करने से ज्यादा महत्वपूर्ण लगता है। उन्होंने कहा कि, ED ने अरविंद केजरीवाल को चौथी बार तलब किया है, और मैंने सुना है कि वह गोवा दौरे पर जा रहे हैं। विपश्यना, गोवा और मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार उनके लिए कानून का सम्मान करने से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।'
बता दें कि, मुख्यमंत्री को पहले 2 नवंबर और 21 दिसंबर, 2023 को गवाही देने के लिए बुलाया गया था। लेकिन पहले नोटिस पर केजरीवाल मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार करने चले गए थे, वो भी ठीक उसी दिन, जब उन्हें ED ने बुलाया था। केजरीवाल न तो उसके पहले एमपी में प्रचार करने आए और न ही उसके बाद। दूसरे समन पर केजरीवाल 10 दिन के लिए विपश्यना साधना पर निकल गए और तीसरे समन पर भी पेश नहीं हुए। अब चौथे समन पर वे गोवा दौरे पर जाने वाले हैं। जिसको लेकर विरोधी दल उनपर निशाना साध रहे हैं कि, केजरीवाल जांच से भाग रहे हैं । अगर वे ईमानदार हैं, तो जांच का सामना क्यों नहीं करते, सजा तो ED नहीं देगी, सजा देना कोर्ट का काम है।
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