नई दिल्ली : 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो जाने के बाद अब चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधियों द्वारा लगाए जाने वाले जनता दरबार या जनसुनवाई पर रोक लगा दी है। ऐसे में अब इन राज्यों में मुख्यमंत्री, मंत्री, राजनीतिक नियुक्ति प्राप्त व्यक्ति या पार्टियों के पदाधिकारी इस तरह से सुनवाई नहीं कर पाऐंगे। इस तरह का आदेश चुनावी आचार संहिता के चलते जारी किया गया है।
भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया में लगे 5 राज्यों के मुख्य सचिवों के नाम पत्र जारी कर दिया है। अब से किसी भी चुनावी राज्य में इस तरह से सुनवाई नहीं हो पाएगी। गौरतलब है कि आयोग को इस तरह सुनवाई होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद आयोग ने इस मामले में आदेश जारी कर दिए हैं।
दरअसल इन जनता दरबारों में होने वाली सुनवाई से विधानसभा चुनाव के परिणाम प्रभावित होने का अंदेशा है। आयोग द्वारा हिदायत दी गई है यदि किसी पहले से स्वीकृत परियोजना पर असर हो रहा है तो फिर सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी इस तरह का कार्य कर सकते हैं। चुनाव आयोग द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि यह आदेश 11 मार्च तक लागू रहेगा।
आयोग ने माना टूट चुकी है समाजवादी पार्टी !