नई दिल्ली : चुनाव आयोग अब आधार नंबर को अब वोटर आईडी से जोड़ने की योजना बनाने जा रहा है, इसे कानूनी तौर पर अनिवार्य बनाने पर भी काम चल रहा है, जिसके लिए कानून में संशोधन करना होगा. एक रिर्पोट के मुताबिक चुनाव आयोग ने रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट 1951 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है. इसके तहत वोटर आईडी को 12 डिजिट के आधार नंबर से जोड़ना अनिवार्य किया जाएगा.
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इसमें लोगों की निजता का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा, साथ ही इसके द्वारा फर्जी वोटरों पर भी रोक लगेगी. इस पर चुनाव आयोग कानून मंत्रालय को जल्द ही प्रस्ताव पहुँचाने वाला है. इससे पहले आधार को वोटर आईडी से जोड़ना अनिवार्य नहीं था, तब मार्च 2015 तक चुनाव आयोग ने करीब 38 करोड़ मतदाताओं के आधार को वोटर आईडी से लिंक कर दिया था. भारत में वर्तमान में करीब 75 करोड़ मतदाता हैं. इसका मतलब यह है कि अभी भी 37 करोड़ मतदाताओं का आधार वोटर आईडी से जुड़ा हुआ नहीं है.
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इसके बाद शीर्ष अदालत ने अगस्त 2015 में आधार पर निर्णय सुनाया था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने आधार और वोटर आईडी की लिंकिंग प्रक्रिया को रोक दिया था . 2017 में चुनाव आयोग ने फिर सुप्रीम कोर्ट में इसके लिंकिंग को मंजूरी देने के लिए अर्जी दी थी. इस बार सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में दिए जाने वाले फैसले पर ध्यान रखा जाएगा. आपको बता दें कि 26 सितंबर को शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया था कि बिना कानूनी आधार के कुछ सेवाओं को आधार के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है.
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