नई दिल्ली : आम तौर पर चुनावों में जब भी दूसरा दल हारता है तो वह अपनी हार का कारण ईवीएम की खराबी को बताता है. इसी मुद्दे पर ईवीएम पर लगातार उठते सवालों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि ईवीएम को बलि का बकरा बनाया जा रहा है क्योंकि वह बोल नहीं सकती . यह बात मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने शनिवार कोमर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही .
बता दें कि इस आयोजन में मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने मत पत्र से चुनाव कराये जाने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि जब राजनीतिक दल हार को हजम नहीं कर पाते, तो ईवीएम पर ठीकरा फोड़ देते हैं. उन्होंने कहा कि जुलाई 2017 में हुई बैठक में तय गया था कि भविष्य में सारे चुनाव ईवीएम से होंगे और वीवीपैट की सुविधा होगी.इससे चुनाव में पारदर्शिता के साथ मतदाता को अपने द्वारा दिए वोट की भी जानकारी मिलेगी.
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग को सदन का कार्यकाल पूरा होने से 6 महीने पहले अधिसूचना जारी करने का अधिकार है. रावत ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने 2015 में राज्य और केंद्र के चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इसके लिए संविधान में संशोधन किए जाने की जरूरत है .इसके बाद ही एक साथ चुनाव कराए जा सकते हैं .
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