भोपाल: देश में इस समय चुनावी मैदान पूरी तरह से तैयार हो चुका है और दोनों पार्टी भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने प्रत्याशियों का प्रचार प्रसार भी शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार बता दें कि मध्यप्रदेश में चुनाव 28 नवंबर को है। जिसे देखते हुए दोनों पार्टियां पूरी तरह से कमर कस चुकी हैं। यहां बता दें कि विधानसभा चुनाव के लिए नाम वापसी की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की स्थिति साफ हो चुकी है।
मध्यप्रदेश चुनाव: भाजपा की बड़ी मुश्किलें, हार-जीत के समीकरण पर असर डाल सकते हैं पार्टी के बागी नेता
यहां बता दें कि अधिकांश सीटों पर भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला है। वहीं कई जगहों पर बागी उम्मीदवारों ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। इस बार बसपा और सपा भी कई सीटों पर मुकाबले में बनी हुई है। कुछ इलाकों में सपाक्स का भी असर दिखाई दे रहा है। बता दें कि 230 सीटों पर भाजपा ने उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने जतारा सीट अपने सहयोगी दल लोजद के लिए छोड़ी है।
मिजोरम विधानसभा चुनाव 2018: मुख्यमंत्री लल थनहवला लड़ रहे दो सीट से चुनाव
गौरतलब है कि चुनाव में भाजपा को कांग्रेस इस बार सीधे तौर पर ही टक्कर दे रही है। वहीं मालवा निमाड़ में 66 सीटों पर इस बार कांटे का मुकाबला हो सकता है, पिछली बार भाजपा ने यहां 56 सीटें जीती थी। बता दें कि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह को घेरने के लिए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को मैदान में उतारा। सबसे ज्यादा 34 प्रत्याशी मेहगांव सीट से चुनाव में खड़े हुए हैं। सबसे कम 4 प्रत्याशी गुन्नौर सीट से मैदान में हैं। वहीं बता दें कि प्रदेश में 2907 कुल प्रत्याशी, 65,341 मतदान केंद्र, 50,495,251 मतदाता हैं।
खबरें और भी
मध्यप्रदेश चुनाव: राज्य में लगातार घटते जा रहे मुस्लिम नेता, आखिर क्या है वजह ?
राजस्थान चुनाव: जेएनयू में कंडोम मिलने की शिकायत करने वाले भाजपा नेता को नहीं मिला टिकट
राजस्थान चुनाव: भाजपा का सवाल, राम मंदिर पर किसकी तरफ है स्पष्टीकरण दे कांग्रेस