लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाने की चर्चा

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नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के साथ ही सरकार राज्यों के चुनाव कराए जाने के मूड में है. सरकार लोकसभा चुनाव के साथ कुछ राज्यों के चुनाव कराए जाने की संभावना पर विचार कर रही है. सूत्रों के अनुसार अगले लोकसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर 2018 में करवाए जाने की सम्भावना है. पीएम मोदी भी इस पक्ष में अपनी राय प्रकट कर चुके है.

उल्लेखनीय है कि सरकार इस विषय को लेकर गंभीर हो गई है. तभी तो लोकसभा के पूर्व सेक्रटरी जनरल सुभाष सी कश्यप और कई सचिवों की राय ली जा रही है. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी कह चुके हैं कि लगातार होने वाले विधानसभा चुनावों से न केवल सरकार का कामकाज प्रभावित होता है, बल्कि इसका देश पर आर्थिक भार भी पड़ता है. यदि नियमों की बात करें तो चुनाव तय समय से छह महीने पहले तक करवाए जा सकते हैं. इसके लिए सरकार ने नियमों की जांच की तो पता चला इनमें बदलाव के लिए संविधान संशोधन की जरूरत नहीं पड़ेगी. संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के अनुसार अगले लोकसभा चुनाव और उसके बाद छह महीनों में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों को साथ में करवाया जा सकता है.

बता दें कि अगले लोकसभा चुनाव 2019 में होना है. इस नई पहल के तहत लोकसभा के चुनाव मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम के साथ करवाए जा सकते हैं. इन सभी राज्यों की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल नवंबर-दिसंबर 2018 में समाप्त हो रहा है.इनमे से मिजोरम को छोड़कर बाकी जगह बीजेपी की सरकार है. हालाँकि यह कार्य इतना आसान नहीं है. इसके लिए सभी राजनीतिक दलों से सहमति लेना होगी. यदि सहमति मिलती है तो तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों के भी विधानसभा चुनाव भी साथ में करवाए जा सकते हैं.इनका कार्यकाल अप्रैल 2019 में खत्म हो रहा है.

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