श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस के बीच गुरुवार को चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा की गई। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने इस गठबंधन का ऐलान करते हुए बताया कि राज्य की सभी 90 सीटों पर कांग्रेस के साथ गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया है। हालांकि, यह गठबंधन अब दोनों दलों के लिए मुश्किलें पैदा करता नजर आ रहा है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस, दोनों ही दलों के भीतर असंतोष बढ़ रहा है। सूत्रों के अनुसार, टिकट न मिलने से नाराज कई नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत पर उतर आए हैं। खासकर बनिहाल और चिनाब घाटी के कुछ हिस्सों में नेताओं के बीच असंतोष की स्थिति ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की चिंताएं बढ़ा दी हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस भी इसी तरह के आंतरिक संकट का सामना कर रही है, हालांकि उसने अब तक स्थिति को काबू में रखने में सफलता पाई है। फिर भी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए अपने दल को एकजुट रखना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है, और पार्टी इस पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रही है।
गठबंधन के तहत सीटों का बंटवारा भी हो चुका है, जिसमें 60 सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस और 30 सीटें कांग्रेस को दी गई हैं। हालांकि, गठबंधन के तौर-तरीकों से अधिक, दोनों दलों के भीतर उत्पन्न असंतोष ही सबसे बड़ी समस्या बनता जा रहा है। इसे लेकर श्रीनगर में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की बैठक हो रही है, जिसमें कांग्रेस हाईकमान की मंजूरी के बाद उम्मीदवारों की अंतिम सूची नेशनल कॉन्फ्रेंस को सौंपे जाने की योजना है। जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव तीन चरणों में होंगे। मतदान 18 सितंबर, 25 सितंबर, और 1 अक्टूबर को संपन्न होगा, और चुनाव परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। इस बीच, जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "गठबंधन हो रहा है, और मुझे उम्मीद है कि इसमें हमारे सैनिकों, कार्यकर्ताओं, और कमांडरों को उचित सम्मान मिलेगा।"