जबलपुर: मध्य प्रदेश की जनता को 1 अप्रैल से बड़ा फायदा होने जा रहा है। जी दरअसल अब तक लगने वाले बिजली के झटके को लेकर एक बड़ी और राहत भरी खबर आई है। मिली जानकारी के तहत 1 अप्रैल से लागू होने वाली नई बिजली दरों को लेकर अभी तक कोई नोटीफिकेशन जारी नहीं किया गया है। हालाँकि नियमों के अनुसार नई दरें लागू करने से 7 दिन पहले आदेश जारी किए जाते हैं, जो अप्रैल शुरू होने के 3 दिन पहले तक जारी नहीं हुए हैं। जी हाँ और इसकी पीछे का सबसे बड़ा कारण अभी तक आपत्तियों का निराकरण न हो पाना है।
आप सभी को बता दें कि बिजली कंपनी को विद्युत नियामक आयोग हरी झंडी नहीं मिली है और इसी कारण कयास लगाए जा रहे हैं कि नई दरों को लागू करने का मामला अभी कुछ और महीने टल सकता है। इसका मतलब है कि प्रदेश की जनता को अगले कुछ महीने कर राहत रहेगी। लोगों के बजट में कोई असर नहीं पड़ेगा। आप सभी को बता दें कि हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार नई बिजली दरों को लेकर विद्युत नियामक आयोग में करीब सौ आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं। जी हाँ और इसमें घरेली, कृषि और औद्योगिक दरों के लिए अलग-अलग आपत्तियां शामिल हैं। वहीं इनमें से कुछ पर आयोग में सुनवाई हो गई है, लेकिन कुछ आपत्तियों पर बिजली कंपनी और आपत्तीकर्ताओं के बीच सहमती नहीं बन पा रही है।
आप सभी को बता दें कि बिजली कंपनियों ने मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग में 7 फरवरी को याचिका दायर की थी। जी हाँ और इनमें वित्तीय वर्ष साल 2022-23 के लिए नए बिजली दरों की बात की गई है। वहीं घरेलू और कृषि उपयोग के लिए अलग-अलग दरों में रेट बढ़ाने का प्रस्ताव है और कंपनियां ऐसा अपने मौजूदा घाटे को कवर करने के लिए करना चाहती हैं। इसके अलावा याचिका में यह भी मांग की गई है कि वित्तीय वर्ष साल 2022-23 के लिए बिजली दरें बढ़ाने की मंजूरी दी जाए। जी दरअसल कंपनियों का तर्क है कि अगर मौजूदा दरों से ही बिजली बिल वसूल किए जाते हैं तो आने वाले वित्तीय वर्ष में करीब 3916 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ेगा।
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