पाकिस्तान चुनाव में बुधवार हुए मतदान की गणना चल रही है, जिसमे क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ ने अपनी बढ़त बना रखी है. ताज़ा रुझानों को देखते हुए इमरान खान का पाकिस्तान का वजीर-ए-आज़म बनना लगभग तय माना जा रहा है. लेकिन एक सिविल इंजीनियर की एकलौती संतान इमरान खान किस तरह पाकिस्तान के सबसे ऊँचे तख़्त पर पहुंचे, कैसा रहा उनका जीवन सफर, आखिर इतने विवादों में रहते हुए कैसे उन्हें जनता का समर्थन मिला ? ऐसे कई सवाल लोगों के मन में उठते हैं, तो आइए जानते हैं कुछ इमरान खान के
बारे में.
इमरान खान ने अपनी पढाई ब्रिटैन की मशहूर ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से पूरी की है.
इमरान खान ने 13 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था, लेकिन उन्होंने अपना डेब्यू 18 साल की उम्र में इंग्लैंड के खिलाफ किया.
इंग्लैंड में रहने के दौरान इमरान खान ने रॉकस्टार वाला जीवन जिया, वे अधिकतर समय बार और पब में गुजरा करते थे, यहीं से उनके जीवन में अफेयर का दौर चला , जिसके लिए उन्हें प्लेबॉय कहा जाने लगा.
1987 में क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद, 1988 में उन्होंने टीम में वापसी की और अपनी कप्तानी में पाकिस्तान टीम को वर्ल्ड कप जिताया .
ये बात बहुत कम लोगों को पता है कि इमरान का अफेयर पूर्व पाकिस्तानी पीएम बेनजीर भुट्टो, एक्ट्रेस जीनत अमान और अरबपति बिजनेसमैन की बेटी सीता वाइट के साथ भी रहा.
1996 में इमरान खान ने तहरीक-ए-इन्साफ पार्टी बनाकर राजनीती में कदम रखा, लेकिन पहले चुनाव में उनकी जमानत जब्त हो गई, उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली. इमरान को राजनीति में सफलता तब मिली जब 2013 के चुनाव में इमरान की पार्टी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.
इमरान के विरोधी उन्हें तालिबान खान भी कहते हैं, उनका कहना है कि अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित किए गए आतंकवादियों के साथ इमरान के घनिष्ट सम्बन्ध हैं और इमरान उनका समर्थन करते हैं.
इमरान की पहली शादी ब्रिटेन के एक अरबपति की बेटी जेमिमा से हुई, जो 9 सालों तक चली, जेमिमा से इमरान को 2 बेटे हैं.
2015 में इमरान ने दूसरी शादी एक टीवी एंकर रेहम खान से की, जो सिर्फ 10 महीने ही चल सकी. हालिया चुनाव के दौरान भी रेहम ने अपने बयान में इमरान खान पर महिलाओं, पुरुषों और ट्रांसजेंडर्स के साथ अवैध संबंधों के आरोप लगाए थे.
2018 में इमरान ने तीसरी शादी एक पाकिस्तानी धर्मगुरु बुशरा से की, माना जाता है कि इमरान शादी के पहले बुशरा के पास सलाह लेने जाया करते थे और अपने राजनितिक फायदे के लिए ही उन्होंने तीसरी शादी की.
2018 के आम चुनाव में इमरान खान को सेना और कट्टरपंथियों का भी खुला समर्थन मिला, इमरान को सेना की पहली पसंद माना जाने लगा, यही वजह रही की पाकिस्तान में इमरान खान ने एकतरफ़ा बढ़त बना रखी है और पीएम पद की दौड़ पर बने हुए हैं.
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