हाल ही में एल्गर परिषद मामले में बवाल खड़ा हो गया है. मामला नए-नए मोड़ ले रहा है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि उसने भीमा कोरेगांव एल्गर परिषद मामले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है. इससे इस मामले में अब तक जेल में बंद कार्यकर्ताओं की संख्या 15 हो चुकी है. एनआईए ने एक बयान में कहा, सागर तात्याराम गोरखे, 32 और रमेश मुरलीधर गायचोर, 36 को सोमवार को गिरफ्तार किया गया जबकि ज्योति राघोबा जगताप, 33 को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तार तीनों पुणे के रहने वाले हैं. बयान में कहा गया है कि इसमें प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन भाकपा माओवादी के ललाट संगठन कबीर कला मंच के सदस्य शामिल हैं. अधिकारी ने कहा, यह मामला पुणे के शनिश्वरवाड़ा में कबीर कला मंच द्वारा आयोजित 31 दिसंबर, 2017 के एल्गर परिषद के आयोजन से संबंधित है, जहां कथित उत्तेजक भाषण दिए गए थे, विभिन्न जाति समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा दिया गया था और जिससे जान-माल का नुकसान हुआ और महाराष्ट्र में राज्यव्यापी आंदोलन हुआ.
केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी ने कहा, जांच के दौरान पता चला कि गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के वरिष्ठ नेता एल्गर परिषद के आयोजकों के साथ-साथ इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों के संपर्क में थे ताकि माओवाद/नक्सलवाद की विचारधारा फैलाई जा सके और गैरकानूनी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा सके. बयान में कहा गया, एनआईए ने इस साल 24 जनवरी को मामले की जांच शुरू की और 14 अप्रैल को आनंद तेलतुम्बडे और गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया. जिसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के रहने वाले 54 वर्षीय हनीबाबू मुसलियाप्टिल तरायल और दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर रहे हनीबाबू मुसलिविटिल तरायल को 28 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था.
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