नई दिल्ली: मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर हुई बहस के चलते केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आपातकाल, अनुच्छेद 370 और लोकतंत्र जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने भारत को "लोकतंत्र की जननी" बताया तथा संविधान की महत्ता पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने देश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों के संविधान से जुड़े होने पर भी प्रकाश डाला।
लोकतंत्र पर जेपी नड्डा का बयान
जेपी नड्डा ने कहा, "हमारे द्वारा मनाए जाने वाले हर त्योहार का एक विशेष महत्व है। ये त्योहार संविधान के प्रति हमारे समर्पण एवं प्रतिबद्धता को मजबूत करते हैं। हम सभी का यह कर्तव्य है कि हम राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इस अवसर का उपयोग करें।" आगे उन्होंने कहा, "भारत आज सबसे बड़ा लोकतंत्र है, किन्तु यह केवल यही नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की जननी भी है। हमारे प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया है कि भारत का लोकतंत्र हजारों वर्षों की परंपरा में निहित है।"
जेपी नड्डा ने यह भी कहा कि संविधान की मूल प्रति में भारत की सांस्कृतिक विरासत की झलक देखी जा सकती है। उन्होंने कहा, "संविधान की मूल प्रति में अजंता और एलोरा की गुफाओं के चित्र अंकित हैं, जो हमारी समृद्ध संस्कृति और कला का प्रमाण हैं। इसमें कमल की छाप भी है, जो यह दर्शाता है कि तमाम मुश्किलों और दलदल से निकलकर, हम नई रोशनी और एक मजबूत संविधान के साथ आगे बढ़े हैं। कमल हमें प्रेरणा देता है कि कितनी भी चुनौतियां क्यों न हों, हम लोकतंत्र को मजबूत करने में कभी पीछे नहीं हटेंगे।"
सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान का जिक्र
जेपी नड्डा ने सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को याद करते हुए कहा, "देश को एकजुट करने का महत्वपूर्ण कार्य तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल को सौंपा गया था। उन्होंने 562 रियासतों का विलय कर भारत को एक सूत्र में पिरोने का काम किया।" नड्डा ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, "मुझे खुशी है कि लंबे समय बाद कांग्रेस ने भी सरदार वल्लभभाई पटेल का नाम लिया। यह सरदार पटेल का नेतृत्व ही था जिसने देश को एकजुट किया, किन्तु जम्मू-कश्मीर को तत्कालीन प्रधानमंत्री के सुपुर्द कर दिया गया था।"
आपातकाल पर कांग्रेस पर तीखा हमला
आपातकाल का मुद्दा उठाते हुए जेपी नड्डा ने कहा, "आने वाले वर्ष में आपातकाल के 50 साल पूरे हो जाएंगे। हम इस दिन को 'लोकतंत्र विरोधी दिवस' के रूप में मनाएंगे। मैं कांग्रेस से अपील करता हूं कि वह इसमें सम्मिलित होकर स्वीकार करे कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र का गला घोंटने का कुटिल प्रयास किया गया था।"
उन्होंने पूछा, "आपातकाल क्यों लगाया गया? क्या देश खतरे में था? नहीं, देश खतरे में नहीं था, कुर्सी खतरे में थी। यह केवल सत्ता बचाने का प्रयास था। इस कदम से पूरा देश अंधेरे में डूब गया था।" जेपी नड्डा ने कहा कि "जो लोग लोकतंत्र की बात करते हैं, उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र पर सबसे बड़ा आघात कांग्रेस के शासनकाल में हुआ था।"
अनुच्छेद 370 और 35A पर बड़ी बातें
जेपी नड्डा ने अनुच्छेद 370 और 35A पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा, "अनुच्छेद 370 के जरिए जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया। इसके तहत 35A को 1954 में राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से लागू किया गया। यह कदम बिना किसी संसदीय बहस के उठाया गया था।" उन्होंने कहा, "अनुच्छेद 35A के तहत यह परिभाषित किया गया था कि जम्मू-कश्मीर का नागरिक कौन होगा। इसमें केवल उन्हीं लोगों को नागरिकता का अधिकार दिया गया जो 1944 से पहले वहां रहते थे। इससे पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) से आए शरणार्थी नागरिकता से वंचित रह गए।"
जेपी नड्डा ने अनुच्छेद 370 के दुष्प्रभावों का जिक्र करते हुए कहा, "जम्मू-कश्मीर में भारतीय संसद द्वारा पारित 106 कानून लागू नहीं होते थे। इनमें अत्याचार निवारण अधिनियम और मानवाधिकार अधिनियम जैसे कानून शामिल थे। क्या यह लोकतंत्र के हित में था? महिलाओं के संपत्ति अधिकारों को भी जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं किया गया।" उन्होंने बताया कि "जवाहरलाल नेहरू महिलाओं के अधिकारों के बड़े समर्थक थे, किन्तु जम्मू-कश्मीर में अगर एक कश्मीरी महिला ने किसी गैर-कश्मीरी से शादी कर ली, तो उसे संपत्ति के अधिकार से वंचित कर दिया जाता था।" जेपी नड्डा ने कहा, "पीओके से आए शरणार्थियों को आज तक नागरिकता के अधिकार नहीं मिले। यह लोकतंत्र और मानवाधिकारों के खिलाफ था।"
जेपी नड्डा ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र के लिए संविधान सबसे महत्वपूर्ण आधार है। उन्होंने कहा, "हम सभी का यह कर्तव्य है कि हम संविधान की रक्षा करें और इसे मजबूत बनाएं। तमाम बाधाओं के बावजूद भारत एक मजबूत लोकतंत्र के रूप में खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा।" उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होकर काम करें और संविधान के मूल्यों को आत्मसात करें।