दौड़ भाग भरी जिंदगी में रिलैक्स और ख़ुशी से रहना थोड़ा सा मुश्किल होता है. लेकिन आपको खुश रहना ही होता है. इसके लिए आपको कुछ ऐसी चीज़ों से जुड़ना पड़ता है जो आपको ख़ुशी देती है. ऐसे में आप भी वाट्सएप-फेसबुक इंस्टाग्राम भी खूब चलाते होंगे. इनमे चैट करते समय अपनी फीलिंग्स बयां करने के लिये शब्दों की जगह अक्सर इमोजी यूज करते होंगे. लेकिन आपने क्या कभी गौर किया है कि स्माइली और इमोजी का रंग पीला क्यों होता है? अधिकतर इमोजी पिले रंग एक ही होते हैं. तो चलिए जानते हैं-
क्यों और कैसे हुई स्माइली और इमोजी की शुरुआत:
आजकल वाट्सएप पर 800 से ज्यादा ईमोजी हैं. जब चेहरे और शरीर से भावनाएं नहीं दर्शाई जा सकतीं, उस वक्त इमोजी तेज, सरल और सही जरिया साबित होते हैं. क्योकि लिखे हुए मैसेज में सिर्फ शब्द जाते हैं, हमारी भावनाएं नहीं. इसलिए इनका निर्माण होता है.
पीला ही क्यों होता है स्माइली और इमोजी का रंग:
* स्माइली और इमोजी के पीले होने के पीछे का कोई मुकम्मल जवाब नहीं है. इसके पीछे कई कारण बताए गए हैं. कोरा (Quora) पर कुछ लोगों का कहना था कि पीला रंग स्किन (त्वचा) टोन से मेल खाता है, इसलिए स्माइली और इमोजी पीले ही होते हैं.
* कुछ लोगों का मानना है कि मुस्कुराते और खिलखिलाते हुए चेहरे मीडिया में हमेशा पीले दिखते हैं. इतना ही नहीं, चाहे स्टिकर्स हों या फिर गुब्बारे, उनका रंग भी अधिकतर पीला होता है.
* यह रंग खुशी का प्रतीक होता है. वहीं, एक तर्क था कि पीले रंग के बैकग्राउंड पर चेहरे की डीटेल्स साफ दिखती हैं.
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