नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) पीएफ की ब्याज दरें 8.65 प्रतिशत से कम कर सकता है. EPFO 15 से 25 आधार अंकों तक ब्याज दरें कम करने की संभावना जताई जा रही है. यदि ऐसा होता है तो इसका सीधा असर ईपीएफओ के 8 करोड़ से ज्यादा अंशधारकों पर पड़ेगा. नौकरीपेशा लोगों के लिए PF भविष्य की सुरक्षा का बड़ा जरिया है और ब्याज दर कम होने के कारण उन पर सीधा असर पड़ेगा.
न्यूज एजेंसी मिंट के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्रालय को इस बात की चिंता है कि PF पर ज्यादा रिटर्न देने पर बैंकों के लिए आकर्षक ब्याज दरें देना संभव नहीं हो सकेगा, जिसका असर इकॉनमी पर पड़ेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018-19 में, सेवानिवृत्ति निधि प्रबंधक ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय के साथ सात माह के विचार विमर्श के बाद अपने ग्राहकों के लिए 8.65 प्रतिशत की दर तय की थी.
रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों की भी दलील है कि PF जैसी छोटी बचत योजनाओं और EPFO की तरफ से ऊंची ब्याज दर दिए जाने की वजह से लोग उनके पास रकम जमा नहीं कराना चाहेंगे, जिससे उन्हें फंड जुटाने में आ रही दिक्कतें और अधिक बढ़ जाएंगी. एक अधिकारी ने बताया है कि रिटायरमेंट फंड मैनेजर अपने निवेश अधिकारियों, कार्यकारी समिति के सदस्यों और केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की मीटिंग्स की एक सीरीज के बाद जनवरी के आखिर तक ब्याज की वार्षिक दर का ऐलान कर सकती है।
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