रोज़गार को मिलेगा जबरदस्त बूस्ट, भारत सरकार ने एविएशन सेक्टर को लेकर बनाया ये प्लान

रोज़गार को मिलेगा जबरदस्त बूस्ट, भारत सरकार ने एविएशन सेक्टर को लेकर बनाया ये प्लान
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नई दिल्ली: भारत अपने हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे का विस्तार करने के लिए कमर कस रहा है, जिसका लक्ष्य 2047 तक अपने हवाई अड्डों की संख्या को 300 तक बढ़ाना है। क्योंकि यात्री यातायात में अनुमानित आठ गुना वृद्धि देखी जा रही है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) द्वारा उल्लिखित इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य मौजूदा हवाई पट्टियों को बदलना और देश भर में नए हवाई अड्डे बनाना है। 

बता दें कि, मोदी सरकार के कार्यकाल में पहले ही 74 बन चुके हैं, जिसमे से कुछ पर अभी विमानों का संचालन शुरू नहीं हुआ है। लेकिन ये एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि आज़ादी के बाद 70 वर्षों में देश में 74 एयरपोर्ट ही बने थे, जितने मोदी सरकार के 10 वर्षों में बन गए। इसका रोज़गार पर भी असर देखने को मिला, बनाने वाले मजदूरों से लेकर, इंजीनियर, माल विकेरेटा, ट्रांसपोर्ट, और इन एयरपोर्ट में काम करने वाले स्टाफ से लेकर एयरलाइन्स पायलट, एयर होस्टेस आदि को भी रोज़गार मिला है। साथ ही एयरपोर्ट्स के आसपास भी इकॉनमी पनपी है, जिसमे रेस्टॉरेंट, होटल, ऑटो, कैब जैसी बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं। अब भारत सरकार इन 148 एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी यानी 300 करने का प्लान बना रही है, जो रोज़गार के लिए बड़ा बूस्ट साबित होंगे। 

मसौदा योजना के अनुसार, लगभग 70 हवाई पट्टियों को एयरबस ए320 और बोइंग 737 जैसे संकीर्ण-शरीर वाले विमानों को समायोजित करने में सक्षम हवाई अड्डों में विकसित किया जाएगा। छोटे विमानों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 40 हवाई पट्टियों को अपग्रेड किया जा सकता है। ऐसे मामलों में जहाँ हवाई पट्टियों का विकास नहीं किया जा सकता है या 50 किलोमीटर के दायरे में नागरिक हवाई अड्डे नहीं हैं, वहाँ नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के निर्माण पर विचार किया जा रहा है। वर्तमान में भारत में 138 हवाई अड्डे संचालित हैं, नई योजना के तहत इस संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होने वाली है। रिपोर्ट में उद्धृत एक अधिकारी ने कहा कि, "इस विस्तार में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का मिश्रण और मौजूदा सिविल एन्क्लेव का पूर्ण रूप से परिचालन हवाई अड्डों में विकास शामिल होगा।"

राष्ट्रीय हवाई अड्डा विकास योजना के मसौदे में वार्षिक यात्री संख्या में पर्याप्त वृद्धि की भविष्यवाणी की गई है, जो वर्तमान 376 मिलियन से बढ़कर 2047 तक 3 बिलियन से 3.5 बिलियन के बीच पहुंचने की उम्मीद है। अंतर्राष्ट्रीय यातायात इस कुल का लगभग 10-12% होने का अनुमान है, जिसमें घरेलू यातायात गणना आगमन और प्रस्थान दोनों को ध्यान में रखती है। भारत की महत्वाकांक्षी हवाई अड्डा विस्तार योजना, हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करने, देश भर में आर्थिक विकास और पर्यटन को समर्थन देने के लिए बेहतर कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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