सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के सूचकांक में राज्य को तीसरे स्थान पर पहुंचाने में ऊर्जा इलाके की महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी है। ऊर्जा व अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य ने 100 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने बोला कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन कर राज्य को ग्रीन स्टेट के रूप में विकसित करने की दिशा में गवर्नमेंट आगे बढ़ रही है। ऊर्जा सचिव ने बोला कि SDG सूचकांक में बीते वर्ष ऊर्जा व अक्षय ऊर्जा 78 अंकों के साथ 11वें स्थान पर था। एक वर्ष के उपरांत ही प्रथम श्रेणी प्राप्त की गई है। नीति आयोग ने इस क्षेत्र में दो मुख्य इंडीकेटर घरों का विद्युतीकरण और खाना बनाने के लिए स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराना भी मौजूद है।
प्रदेश में बीते 4 वर्षों में हरित ऊर्जा के रूप में सौर ऊर्जा की दिशा में कदम बढ़ा रहे है। तकरीबन 250 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के साथ पिरूल (चीड़ की पत्तियों) से विद्युत उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बोला कि पर्वतीय क्षेत्रों में 5 मेगावाट तक परियोजना राज्य के स्थायी नागरिकों को आरक्षित कर 203 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं आवंटित कर दिए गए है। सचिव ने राज्य में शतप्रतिशत विद्युतीकरण और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में उपलब्धियों का श्रेय ऊर्जा निगमों और उरेडा के अधिकारियों व कर्मचारियों को दिया जा चुका है। उन्होंने बोला कि भविष्य में सर्वश्रेष्ठ बनाए रखने के लिए विभाग पूर्ण प्रयास जारी रखेगा।
राज्यपाल ने प्रदान की 200 खाद्यान्न किट: जंहा इस बात का पता चला है कि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने जरूरतमंदों के लिए 200 खाद्यान्न किट प्रदान की जा रही है। उन्होंने ये किट सेवा भारती के स्वयंसेवकों को सौंपी। शनिवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन से खाद्यान्न किट से भरे वाहनों को वितरण के लिए रवाना कर दिए गए है। इस किट में दाल, तेल, साबुन, चीनी व सैनिटरी नैपकिन आदि सामग्री शाामिल है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि यह खाद्यान्न कोरोना महामारी के कारण आजीविका संकट और बेरोजगारी की मार झेल रहे व्यक्तियों तक पहुंचाई जाएगी। स्वयं सेवकों के माध्यम से पात्र व्यक्तियों को यह राशन किट वितरित की जानें वाली है।
कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा का बड़ा बयान, बोले- ‘जिस दिन मांगा जाएगा इस्तीफा, उसी दिन दे दूंगा'