नई दिल्ली: INX मीडिया से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से पेश किए गए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यदि चिदंबरम को शीर्ष अदालत अग्रिम जमानत देता है तो उसके विनाशकारी परिणाम होंगे।
तुषार मेहता ने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि इसका प्रतिकूल प्रभाव विजय माल्या, मेहुल चौकसी, नीरव मोदी, शारदा चिटफंड, टेरर फंडिंग जैसे कई मामलों पर पड़ेगा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने साक्ष्य दिखाकर बगैर गिरफ्तारी पूछताछ की मांग का विरोध करते हुए कहा कि जांच कैसे हो, एजेंसी ज़िम्मेदारी से इसका निर्णय लेती है। जो आरोपी आज़ाद घूम रहा है, उसे सबूत दिखाने का अर्थ है बचे हुए सबूत मिटाने का निमंत्रण देना।
तुषार मेहता ने कहा कि जांच को कैसे आगे बढ़ाया जाए, ये पूरी तरह से एजेंसी का अधिकार है। मामले के लिहाज से एजेंसी निर्धारित करती है कि किस स्टेज पर किन साक्ष्यों को जाहिर किया जाए और किन साक्ष्यों को नहीं। यदि गिरफ्तार करने से पहले ही सारे सबूतों, गवाहों को आरोपी के समक्ष रख दिया जाएगा तो ये तो आरोपी को सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और मनी ट्रेल को समाप्त करने का मौक़ा देगा।
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