नई दिल्ली: देश के पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे और कांग्रेस के लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम से संबंधित कथित चीनी वीजा घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। मीडिया रिपोर्ट्स में जांच एजेंसी के अधिकारियों के हवाले से इस संबंध में जानकारी दी है।
इससे पहले सोमवार को चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के मामले में आरोपी पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के पुत्र और कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम के चार्टर्ड एकाउंटेंट भास्कर रमण की रिमांड अवधि कोर्ट ने तीन दिन और बढ़ा दी थी। जांच एजेंसी ने भास्कर रमण से बीते मंगलवार को पूछताछ के बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया था। दरअसल, पंजाब में एक बिजली कंपनी में नौकरी करने वाले 250 चीनी नागरिकों को गृह मंत्रालय की ओर से वीजा जारी किया गया। केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) इस केस की जांच कर रही है। यह मामला वर्ष 2011 का है। चीनी नागरिकों को वीजा एक महीने के अंदर जारी किया गया जो कि निर्धारित सीमा से अधिक था।
CBI ने अपने बयान में आरोप लगाया है कि चेन्नई में एक व्यक्ति और बिजली कंपनी के अधिकारी के बीच मुलाकात के बाद वीजा के लिए अर्जी दी गई थी। CBI का आरोप है कि उस वक़्त पी चिदंबरम कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में मंत्री थे और कार्ति चिदंबरम की मदद से यह वीजा जारी कराए गए।
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