नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चरमपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) एक्ट के तहत PFI के बैंक अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जिन अकाउंट्स को फ्रीज किया गया है, उनमें PFI के 23 और इसके फ्रंट ऑर्गनाइजेशन RIF (रिहैब इंडिया फाउंडेशन) के 10 बैंक खाते शामिल हैं। इन बैंक खातों में 68,62,081 रुपए जमा बताए जा रहे हैं।
दरअसल, गत माह की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने PFI के दो नेताओं अब्दुल रजाक पीडियाक्कल उर्फ अब्दुल रजाक बीपी और अशरफ खादिर उर्फ अशरफ एमके के विरुद्ध 22 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अभियोजन मामला (एक आरोप पत्र के समान) दाखिल किया था। ये दोनों ही केरल स्थित PFI के पदाधिकारी हैं। आरोपपत्र के अनुसार, PFI के इन नेताओं ने केरल के मुन्नार एक कारोबार शुरू किया था, ताकि वे विदेशों से होने वाली फंडिंग को व्हाइट करके उनका उपयोग इस्लामिक संगठन की कट्टरपंथी गतिविधियों को अंजाम देने में कर सकें।
दावा तो यह भी किया जाता है कि दोनों PFI के पदाधिकारी संगठन के कथित तौर ‘आतंकवादी समूह’ के गठन में लिप्त थे। इसमें दावा किया गया कि ये दोनों अन्य PFI नेताओं और विदेशी संस्थाओं से संबंधित सदस्यों के साथ मुन्नार में एक आवासीय परियोजना – मुन्नार विला विस्टा प्रोजेक्ट (MVV) विकसित कर रहे थे। इसका सिर्फ एक ही मकसद था, जो विदेशों से एकत्र किए गए धन को सफेद करना था। ताकि देश में PFI के चरमपंथ को बढ़ावा दिया जा सके।
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