लखनऊ: 2019 लोकसभा चुनाव के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती राज में बेची गई चीनी मिलों का मामला अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के घेरे में भी आ गया है. ईडी अब इस मामला में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करेगा. उत्तर प्रदेश में वर्ष 2010-11 में 21 चीनी मिलों को गलत ढंग से बेचे जाने का आरोप है. इस मामले में अब ईडी ने भी शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है.
मायावती पर आरोप है कि उनकी सरकार ने एक कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी बैलेंस शीट और निवेश के फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर नीलामी में शामिल होने के लिए योग्य मान लिया. इस तरह अधिकतर चीनी मिल इस कंपनी को औने-पौने दामों में बेच दी गई. इस कंपनी का नाम नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड है. दिलचस्प बात ये है कि जिस समय ये चीनी मिल नम्रता कंपनी को बेची गई थीं, उस समय यूपी में बसपा की सरकार थी और मायावती प्रदेश की सीएम थीं.
साल 2017 में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अप्रैल 2018 में चीनी मिल बेचे जाने के मामले की सीबीआई जांच करने की सिफारिश की थी. योगी सरकार की सिफारिश के बाद सीबीआई ने मामला दर्ज कर जांच आरम्भ की थी. प्रारंभिक जांच में ही इस मामले में गड़बड़ी की बात प्रकाश में आई थी.
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