रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को जमीन घोटाले की जांच के तहत रांची में जमीन कारोबारी कमलेश कुमार के घर पर छापेमारी की। कमलेश कुमार पर रांची के बीएयू और कांके जैसे इलाकों में फर्जी दस्तावेजों के जरिए फर्जी तरीके से जमीन हासिल करने का आरोप है। घोटाले में शामिल सिंडिकेट से जुड़े शेखर कुशवाहा ने ईडी को कमलेश कुमार की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
चांदनी चौक के कांके रोड पर एस्ट्रो ग्रीन स्थित कमलेश कुमार के फ्लैट पर छापेमारी के दौरान ईडी ने 1 करोड़ रुपये नकद और 100 जिंदा कारतूस बरामद किए। स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में की गई छापेमारी में जमीन के लेन-देन से जुड़े दस्तावेजों समेत कई अहम सबूत भी मिले। इसके बाद ईडी ने शाम को चेशायर होम रोड स्थित कमलेश के घर पर भी छापेमारी की, जो खबर लिखे जाने तक जारी थी। जिंदा कारतूस बरामद होने के बाद ईडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा ने डीजीपी अजय कुमार सिंह को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई का आग्रह किया। ईडी ने शाम करीब छह बजे बरामद कारतूस रांची पुलिस को सौंप दिए और ईडी की शिकायत के आधार पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।
कमलेश कुमार का इस तरह के मामलों में शामिल होने का इतिहास रहा है और इससे पहले कांके में बीएयू की जमीन पर अवैध कब्जे के लिए जेल भी जा चुका है। वह फर्जी जमीन सौदों में भी शामिल है, कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर गैर-खेती वाली जमीन को बेचा गया है, जिसमें राज्य के पुलिस अधिकारियों के साथ लेनदेन भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि वह पूर्व डीजीपी डीके पांडे सहित अन्य लोगों के साथ एक मामले में शामिल था। इसके अलावा, कमलेश के खिलाफ गोंडा थाने में धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज है। ईडी ने मोबाइल फोन चैट से भी सबूत जुटाए हैं, जिसमें कमलेश के प्रियरंजन सहाय, शेखर कुशवाहा और जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले सिंडिकेट के अन्य सदस्यों से संबंध होने का पता चला है। जमीन के कारोबार में शामिल होने से पहले कमलेश कुमार की मीडिया में पृष्ठभूमि थी।
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