नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को समन भेजा है। सोनिया गांधी को 8 जून को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हम झुकेंगे नहीं और मुकाबला करेंगे। सिंघवी ने कहा कि सोनिया गाांधी खुद ED के कार्यालय जाएंगी और सभी सवालों के जवाब देेंगी।
गांधी परिवार के खिलाफ जांच एजेंसी के समन के बाद सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया है। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि, 'नेशनल हेराल्ड केस में साजिश के तहत सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ED ने समन भेजा है। मगर, हम "डरेंगे नही, झुकेंगे नही.... सीना ठोक कर लड़ेंगे।' वहीं, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इससे पहले ED ने इस केस को बंद कर दिया था। उन्होंने कहा कि, 'भाजपा अपने सियासी विरोधियों को डराने के लिए कठपुतली एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।' बता दें कि इससे पहले 12 अप्रैल को नेशनल हेराल्ड से संबंधित मनी लॉन्डरिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेता पवन बंसल से पूछताछ की थी। इस दौरान उनसे वित्तीय लेन-देन समेत कई पहलुओं को लेकर सवाल किए गए थे। बताया जा रहा है कि, पूछताछ और जांच में सबूत सामने आने पर ED सोनिया और राहुल को गिरफ्तार भी कर सकती है।
क्या है नेशनल हेराल्ड केस ?
बता दें कि, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा पर संगीन आरोप लगाए थे। उनका आरोप था कि यंग इंडिया लिमिटेड के माध्यम से गलत तरीके से इसका अधिग्रहण किया गया है और कांग्रेस नेताओं ने 2,000 करोड़ रुपये तक की संपत्ति हड़प ली। इस मामले की जांच 2014 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से शुरू की गई थी। कांग्रेस इस मामले को लेकर कहती रही है कि यंग इंडिया लिमिटेड का उद्देश्य प्रॉफिट कमाना नहीं है बल्कि इसका गठन चैरिटी के लिए किया गया है।
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