भारतीय रेलवे ने दुर्घटनाओं से बचाव के लिए बिजली के इंजनों के साथ नवीनतम यूरोपीय रेल सुरक्षा सिस्टम लगवाने का फैसला किया है और इसके लिए 12,000 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी न बताया कि “रेलवे बोर्ड ने 15 दिसंबर को अपनी बैठक में 6,000 बिजली इंजनों को यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण सिस्टम (ईटीसीएस) लेवल-2 से लैस करने को मंजूरी दी है, जिससे रेल दुर्घटनाएं रोकने में मदद मिलेंगी. इसके अलावा बोर्ड ने चार महानगरों को जोड़ने वाले 9,054 किमी लंबे स्वर्णिम चतुर्भज मार्ग को दुर्घटना मुक्त कॉरिडोर बनाने के लिए ईटीसीएस लेवल-2 प्रणाली को स्थापित करने का फैसला किया है. इस पूरी परियोजना पर में करीब 12,000 करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है.”
उन्होंने बताया कि “मौजूदा समय में रेलवे के पास एक आधारीय ऑटोमेटिक रेल सुरक्षा प्रणाली है, जो ईटीसीएस लेवल-1 पर आधारित है, जो पॉयलटों को एक सीमित भाग पर बैक-अप मुहैया कराती है. इसलिए इस प्रणाली को उन्नत करने का फैसला किया गया है, क्योंकि ईटीसीएस लेवल-1 की अपनी सीमाएं हैं.” गौरतलब है कि ईटीसीएस लेवल-1 प्रणाली में सिग्नल संबंधी स्थिति की जानकारी इंजन के एक बेलिस से गुजरने के बाद निश्चित अवधि पर मिलती है अपडेटेड सूचना के लिए अगले 'बेलिस' से गुजरने का इंतजार करना पड़ता है जबकि ईटीसीएस लेवल-2 के साथ, सिग्नल की स्थिति की जानकारी के लिए 'बेलिस' की जरूरत नहीं होती.
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