रायपुर: छत्तीसगढ़ पुलिस ने 60 लाख रुपए से ज्यादा की चोरी के आरोप में 2 बांग्लादेशियों को अरेस्ट किया है। आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में कबूला है कि वे बॉर्डर की तार काटकर भारत में प्रवेश करते हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल में मात्र 1500 रुपए में आधार कार्ड बनवाकर भारत के विभिन्न हिस्सों में चोरी करते हैं। दरअसल, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 6 अप्रैल को चोरी की एक वारदात सामने आई थी। इसी मामले की जाँच करते हुए पुलिस ने दोनों आरोपितों को पश्चिम बंगाल से दबोचा है। आरोपितों की शिनाख्त मोहम्मद हसमत खलीफा और अल्ताफ हुसैन के रूप में की गई है। पुलिस पूछताछ आरोपित हसमत खलीफा ने बताया है कि वह 4 माह पहले ही पहली दफा भारत आया था।
इसके साथ ही मोहम्मद हसमत खलीफा ने पुलिस के सामने यह भी बताया है कि बॉर्डर से भारत में घुसपैठ करने के लिए दलाल को 5000 रुपए देने पड़ते हैं। इसके बाद दलाल बॉर्डर काट देता है और वे उसके नीचे से भारत में दाखिल हो जाते हैं। फिर पश्चिम बंगाल में 1500 रुपए में भारतीय आधार कार्ड बनकर तैयार हो जाता है। आरोपितों ने पुलिस के सामने यह भी कबूला है कि वे फेरी का काम करने के बहाने रेकी करते हैं। इसके बाद मौका मिलते ही चोरी की वारदात को अंजाम कर फरार हो जाते हैं। उनके इस गैंग में 12 लोग शामिल हैं और वे लोग विगत 15 वर्षों से चोरी करते चले आ रहे हैं। इस गिरोह का मास्टरमाइंड गोकुल निषाद नामक शख्स है। आरोपित उसके इशारे पर ही चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं।
▪️ स्मृतिनगर क्षेत्र के सुने मकान में घटित नकबजनी के मामले का खुलासा।
— Durg Police (@PoliceDurg) May 3, 2023
▪️ बांग्लादेशी मूल के 02 आरोपी गिरफ्तार अन्य फरार।
▪️ चोरी करने के औजार बरामद।
▪️ 01 का बांग्लादेशी पासपोर्ट जप्त, दूसरा निकाला घूसपैठिया।
▪️ आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज से बना लिया था आधार कार्ड। pic.twitter.com/vSGWLLtH9H
इस मामले में पुलिस ने बताया है कि आरोपित और उनका गिरोह बीते कई वर्षों से भारत के अलग हिस्सों में चोरियाँ कर रहा था। दुर्ग में चोरी करने के बाद आरोपित बांग्लादेश फरार हो गए थे। हालाँकि मामले की छानबीन कर रही पुलिस निरंतर इन लोगों के पीछे लगी हुई थी। इस दौरान बांग्लादेश पुलिस से भी संपर्क कर इनके बारे में जानकारियाँ एकत्रित की जा रही थीं। इस बीच आरोपित भारत वापस आकर पश्चिम बंगाल के नरेंद्रपुर थाना क्षेत्र में एक किराए के कमरे में रहने लगे थे। मामले की छानबीन में लगी पुलिस ने सूचना के आधार पर छापेमार कार्रवाई करते हुए दोनों को दबोच लिया।
पुलिस पूछताछ में यह भी पता चला है कि इनमें से एक आरोपित मोहम्मद हसमत यूरोप में भी घुसपैठ का प्रयास करते हुए पकड़ा जा चुका है। इसके अलावा गैर कानूनी काम करने के जुर्म में लीबिया में 9 माह की जेल भी काट चुका है। चोरी के इस गिरोह को लेकर हुए खुलासे में यह भी पता चला है कि आरोपित चोरी के पैसे को हवाला के माध्यम से बांग्लादेश पहुंचाते थे। इसके लिए वह दलाल को भारतीय नोट देते थे और वह 20 फीसद कमीशन काटने के बाद बाकी पैसा बांग्लादेश में रह रहे इनके परिवार के पास भेज देता था।
दुर्ग में चोरी का मामला:-
दरअसल, दुर्ग जिले में स्मृति नगर इलाके में कारोबारी सौरभ जैन के घर में 6 अप्रैल 2023 को चोरी हो गई थी। इस चोरी को लेकर उन्होंने थाने में शिकायत दी थी। जैन ने अपनी शिकायत में बताया था कि वह अपनी पत्नी को छोड़ने के लिए ससुराल गए हुए थे। इसके बाद घर वापस लौटे, तो देखा कि बेडरूम की खिड़की टूटी हुई थी। साथ ही, अलमारी में रखे 35 लाख रुपए कैश सहित सोने-चाँदी के आभूषण व अन्य सामान गायब था। उन्होंने नकदी सहित चोरी हुए सामान की कीमत 60 लाख रुपए से ज्यादा बताई गई थी। इसी मामले में दुर्ग पुलिस ने बंगाल से मोहम्मद हसमत खलीफा और अल्ताफ हुसैन को पकड़ा है, जो बांग्लादेशी हैं। इस मामले ने एक आशंका को भी जन्म दिया है कि, इस तरह के और कितने लोग होंगे, शायद उनके पास वोटर आईडी भी हो और इनका वोट लेने वाले राजनेता इन्हे संरक्षण भी देते हों। ऐसे में तो ये घुसपैठिए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं ।
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