नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने दावा किया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में करीब 67.59 लाख लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिला है। वहीं मार्च में 8.14 लोगों को नौकरी मिली है। ईपीएफओ के पे रोल डाटा के अनुसार फरवरी में 7.88 लोगों को नौकरी मिली थी।
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नए लोग भी जुड़े
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ईपीएफओ ने कहा है कि उसके सिस्टम से जब नए लोग जुड़ते हैं, तब यह डाटा तैयार किया जाता है। हालांकि इसी साल जनवरी महीने में कुल 8.31 लाख लोगों को नौकरी मिली थी, जो कि पूरे वित्त वर्ष में सर्वाधिक था। सितंबर 2017 से लेकर मार्च 2018 तक 15.52 लाख लोगों को ईपीएफओ से जोड़ा गया था। ईपीएफओ अप्रैल 2018 से अपने पेरोल डाटा को हर महीने जारी कर रहा है।
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ऐसा रहा पूरा आंकड़ा
इसी के साथ ईपीएफओ ने कहा कि सबसे ज्यादा नई नौकरियां 22-25 वर्ष की उम्र के लोगों ने पाई हैं। इसकी संख्या करीब 2.44 लाख है। इसके बाद दूसरे नंबर पर 18-21 साल के फ्रेशर हैं, जिनकी संख्या 2.24 लाख है। हालांकि इस दौरान 55,934 लोगों की नौकरी भी चली गई, क्योंकि यह लोग ईपीएफओ के डाटा से बाहर चले गए। मार्च में ईपीएफओ ने दावा किया था कि पिछले 17 महीनों में देश के करीब 76 लाख लोगों को रोजगार मिला है।
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