वर्ष 2019 के एरिक्सन बकाया केस में अरबपति मुकेश अंबानी ने अपने छोटे भाई अनिल अंबानी को जेल जाने से बचाने के लिए कोई वित्तीय मदद नहीं की थी। इसकी जगह अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने एरिक्सन की बकाया रकम का भुगतान मुकेश अंबानी के रिलायंस उद्योग को कॉर्पोरेट प्रॉपर्टी लीज पर रखकर किया था। चीनी बैंकों के साथ वित्तीय विवाद केस में यूके अदालत में अनिल अंबानी द्वारा प्रस्तुत कानूनी दस्तावेजों के मुताबिक इससे उन्हें 460 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अनिल अंबानी के एक प्रवक्ता ने कहा कि, 'एरिक्सन केस एक कॉर्पोरेट लायबिलिटी से जुड़ा है, तथा इसको पूर्ण करने के लिए राशि कॉर्पोरेट परिसंपत्तियों को पट्टे पर देकर एक कॉर्पोरेट लेनदेन के जरिये उठाई गई थी। मुकेश अंबानी ने अनिल अंबानी को इसके पेमेंट के लिए कोई भेंट नहीं दी थी।' हालांकि यह साफ़ नहीं है कि किस परिसंपत्ति को पट्टे पर दिया गया था।
वही 18 मार्च 2019 को रिलायंस कम्युनिकेशंस ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि स्वीडन की टेलिकम्युनिकेशन्स इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनी एरिक्सन को 458.77 करोड़ रुपये का पेमेंट कर दिया है। अनिल अंबानी ने खतरे की इस घड़ी में सहायता के लिए अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी, भाभी नीता अंबानी का आभार व्यक्त किया था। अनिल अंबानी ने कहा था कि, 'संकट के इस समय में मेरे साथ खड़े रहने के लिए मैं अपने बड़े भाई मुकेश एवं भाभी नीता का आभार व्यक्त करता हूं। ऐसे अवसर पर सहायता करके उन्होंने यह दिखाया कि अपने पारिवारिक मूल्यों के प्रति सच्चाई के साथ खड़े रहना कितना आवश्यक है। मैं और मेरा परिवार खुश हैं कि हम पुरानी बातों से आगे निकल आए हैं और बड़े भाई के इस कदम के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं।'
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