अब वह दिन शायद दूर नहीं, फोन सब्सक्राइबर्स चुटकियों में जब भारत के मोबाइल ऑपरेटर बदल पाएंगे. ऐसा एंबेडेड सिम कार्ड यानी ई-सिम से मुमकिन होगा. अधिकारियों और एक्सपर्ट्स ने बताया कि ई-सिम के आने से टेलिकॉम कंपनियों को लिए यूजर्स को अपने साथ जोड़े रखने के लिए क्वॉलिटी पर खासा ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाएगा. ई-सिम टेक्नॉलजी के आने से मोबाइल नंबर को दूसरे ऑपरेटर पर पोर्ट करना आसान हो जाएगा. ऐसे में टेलिकॉम कंपनियों के लिए मौजूदा कस्टमर्स को बनाए रखना और नए यूजर्स से जुड़ना कहीं ज्यादा मुश्किल हो जाएगा. एरिस कम्युनिकेशंस के प्रेसिडेंट ऋषि भटनागर ने कहा कि इससे कॉम्पिटिशन बढ़ जाएगा और मार्जिन पर आंच आएगी.
आज Oppo Reno सेल में होगा उपलब्ध, ये है ऑफर
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ई-सिम एक डिजिटल सिम होता है. जो सब्सक्राइबर्स को बिना फिजिकल सिम के किसी टेलिकॉम कंपनी की सेवा शुरू करने देता है. एमडॉक्स के कस्टमर बिजनेस एग्जिक्यूटिव (एशिया पैसिफिक) पंकज लांबा ने बताया, 'सर्विस प्रोवाइडर से नाखुश होने पर लोग चुटकियों में नेटवर्क बदलेंगे. इससे बचने के लिए टेलिकॉम कंपनियों को लगातार कस्टमर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना होगा, नई सर्विसेज और सर्विस बंडल लाने होंगे और यह सब कॉम्पिटीटिव प्राइस में करना होगा.' फिलहाल ई-सिम का इस्तेमाल इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और मशीन-टू-मशीन (एम2एम) सलूशन के लिए होता है. वोडाफोन और भारती एयरटेल जैसी टेलिकॉम मार्केट की लीडर्स का कहना है कि वे ई-सिम के साथ काम करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें चालू करने से पहले ई-सिम को सपॉर्ट करने वाले डिवाइसेज के इकोसिस्टम के बढ़ने का इंतजार कर रही हैं. एयरटेल और रिलायंस जियो ने ई-सिम वाली एपल वॉच बेचने के लिए एपल से पार्टनरशिप की थी. दोनों टेलिकॉम कंपनियों ने खास डेटा प्लान इस स्मार्टवॉच की बिक्री बढ़ाने के लिए निकाले थे.
Poco F1 पर मिल रहा सेल में बम्पर डिस्काउंट
स्मार्टफोन ई-सिम को सपॉर्ट करने वाला मौजूद हैं, लेकिन इनका ईकोसिस्टम अभी शुरुआती स्टेज पर है. आईफोन एक्सएस, एक्सएस मैक्स, एक्सआर और गूगल पिक्सल 3 जैसे चुनिंदा फोन ही ई-सिम को सपॉर्ट करते हैं और ये सभी महंगे हैंडसेट हैं. वोडाफोन आइडिया ने एक बयान में ईटी से कहा कि कस्टमर्स में ई-सिम को अपनाने का रेट शुरू में धीमा रहेगा क्योंकि इन्हें पहले महंगे डिवाइसेज में लाया जाएगा. कंपनी ने कहा, 'हम फिलहाल इनकी क्षमताओं का परीक्षण कर रहे हैं और आने वाले समय में ई-सिम डिवाइसेज के लॉन्च के साथ ही लाइव होने के लिए तैयार रहेंगे. हमें उम्मीद है कि अगले 2-3 सालों में ई-सिम की डिमांड बढ़ेगी.'काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक, भारत में फिलहाल स्मार्टफोन में ई-सिम का इस्तेमाल 1 पर्सेंट से कम है, लेकिन 2025 तक इसके बढ़कर 25 पर्सेंट पर पहुंचने की उम्मीद है. मार्केट्स एंड मार्केट्स के अनुसार, विश्व में ई-सिम का बाजार 31 पर्सेंट की कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट के साथ साल 2018 के 25.38 करोड़ डॉलर से बढ़कर 2023 में 97.83 करोड़ रुपये पर पहुंचने की संभावना है.
PUBG Mobile 0.13 के नए मोड के बारे में जाने ख़ास बात