उद्योग मंडल फिक्की ने चालू वित्त साल 2020-21 में भारत की सालाना जीडीपी बढोत्तरी में 4.5 प्रतिशत के संकुचन का अनुमान जताया है. फिक्की के इकोनॉमिक आउटलुक सर्वे में बताया गया है कि विश्व में कोरोना वायरस के तेजी से प्रसार के कारण पैदा हुए आर्थिक एवं हेल्थ संबंधी खतरे के कारण वह अपने पूर्व के अनुमान में भारी बदलाव कर रहा है. उद्योग मंडल ने जनवरी माह, 2020 के अपने सर्वे में 5.5 प्रतिशत की जीडीपी बढोत्तरी का अनुमान जाहिर किया था. कोरोना वायरस के कारण आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं क्योंकि कोविड 19 के प्रसार को रोकने के लिए भारत में लॉकडाउन लागू हुआ था. लेकिन, लॉकडाउन से जुड़ी बदिशों में धीरे-धीरे छूट दी जा रही है.
100 साल में सबसे बड़ी मुसीबत है कोरोना, RBI ने किया खुलासा
बता दे कि एसबीआई बैंकिंग एंड इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को बताया कि बदिशों में धीरे-धीरे छूट दिए जाने से देश की अर्थव्यवस्था के वापस पटरी पर लौटने का अनुमान लगाया जा रहा है. लेकिन, दास के अनुसार ये अब भी साफ नही है कि सप्लाई चेन कब तक पूरी तरह से पहले की परिस्थिति में आ पाएगा और मांग से जुड़ी चीजों के सामान्य होने में और कितना समय लगेगा.
निफ़्टी बना सकता है नया हाई, निवेशक को बेहतर रिटर्न की पूरी संभावना
विदित हो कि मई में रिजर्व बैंक ने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी बढोत्तरी की गति निगेटिव अंकों में रहने का अनुमान है. सर्वे का विवरण जारी करते हुए फिक्की ने बताया कि ये आर्थिक सर्वे जून में हुआ था और इस सवेक्षण में उद्योग, बैंकिंग और वित्तीय सेवा सेक्टर के विभिन्न प्रमुख अर्थशास्त्रियों की सोच को जगह दी गई है वही, फिक्की ने बताया है कि, "फिक्की के हालिया इकोनॉमिक आउटलुक सवेक्षण में चालू वित्त वर्ष 2020-21 में (-) 4.5 प्रतिशत की सालाना औसत जीडीपी बढोत्तरी का अंदाजा जताया गया है."
डीज़ल की कीमतों में फिर लगी आग, पेट्रोल के दाम स्थिर
एयर इंडिया पर कोरोना की मार, 180 केबिन क्रु को नौकरी से निकाला