लखनऊ: उत्तर प्रदेश के एटा में वर्ष 2006 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में हुए फर्जी एनकाउंटर केस में CBI कोर्ट ने बुधवार (21 दिसंबर) को पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराते हुए सजा की घोषणा कर दी है। CBI कोर्ट ने फर्जी एनकाउंटर केस 5 आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ सभी पर 33000-33000 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोंका है। बाकी 4 अन्य आरोपियों को 5 साल की जेल के साथ 11000 रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं एक आरोपी की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है।
16 वर्ष के लंबे समय के बाद फर्जी एनकाउंटर में मारे गए बेगुनाह शख्स को बुधवार को CBI कोर्ट से ये इंसाफ मिला है। बता दें कि, राज्य के एटा में सन 2006 में राजा राम नामक एक बढ़ई का फर्जी एनकाउंटर का मामला प्रकाश में आया था, जिसके बाद राजा राम की पत्नी ने लोअर कोर्ट से लेकर उच्च न्यायालय में एनकाउंटर के खिलाफ अपील की थी। उस समय राज्य में मुलायम सिंह के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार थी। इसके बाद उच्च न्यायालय ने मामला CBI को सौंप दिया था। 2006 के इस मामले में CBI कोर्ट ने आरोपियों पर दोष साबित कर दिए थे, जिसके बाद बुधवार को सजा पर बहस के बाद इसकी घोषणा की गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, फर्जी एनकाउंटर में मारा गया शख्स राजा राम बढ़ई का काम किया करता था और कई पुलिसवालों के घर भी काम कर चुका था, पुलिस वाले उसे अच्छी तरह जानते थे, मगर एनकाउंटर के बाद पुलिस ने उसकी लाश का अंतिम संस्कार भी अज्ञात तरीके से कर दिया था। पुलिसकर्मियों ने राजा राम को लूट में शामिल बताते हुए उसे एनकाउंटर में मार डाला था, मगर पुलिस उस हथियार को पेश नहीं कर पाई थी, जिससे कथित तौर पर उसने लूट की वारदात को अंजाम दिया था।
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