रायपुर: केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि देश की समस्याओं से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए धर्म और जाति के मुद्दे उछाले जा रहे हैं। आज गुरुवार (21 सितंबर) को चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में 'महिला समृद्धि सम्मेलन' को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा कि, 'आज, धर्म और जाति के मुद्दों को सामने लाकर लोगों का ध्यान भटकाने के लिए राजनीतिक उद्देश्यों के लिए लोगों की भावनाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह लोगों को अपनी शिकायतें न उठाने देने की एक राजनीतिक साजिश है।'
रिपोर्ट के अनुसार , प्रियंका गांधी गुरुवार को रायपुर पहुंचीं है, क्योंकि उनकी पार्टी ने राज्य चुनावों से पहले अपनी चुनावी तैयारी तेज कर दी है। उनका स्वागत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके डिप्टी टीएस सिंह देव ने किया। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए, पार्टी ने पहले दिन लिखा कि, "कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जी आज छत्तीसगढ़ में आयोजित 'महिला समृद्धि सम्मेलन' में एक विशाल सार्वजनिक बैठक को संबोधित करेंगी।"
केंद्र सरकार में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर और अधिक प्रहार करते हुए, प्रियंका गांधी ने कहा कि, 'सरकार ने नई दिल्ली में हाल ही में आयोजित G 20 शिखर सम्मेलन में 27,000 करोड़ रुपये खर्च किए, यशोभूमि पर 20,000 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन उन्होंने (केंद्र) अगर आप उनसे विकास, बेरोजगारी, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी पर सवाल पूछेंगे तो जवाब नहीं दे पाएंगे।' पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि, 'वैश्विक सम्मेलन की मेजबानी करने में कुछ भी गलत नहीं है। अगर वैश्विक दर्शकों के सामने देश का कद ऊंचा होता है, तो यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। लेकिन ऐसा करने में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों और मध्यम वर्ग की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्हें सत्ता में किसने वोट दिया।'
हालाँकि, ये गौर करने वाली बात है कि, प्रियंका गांधी ने अपनी बात शुरू करते ही केंद्र पर आरोप लगाया था कि, वो जाति और धर्म के मुद्दे उठा कर लोगों को बहका रही है। लेकिन, शायद प्रियंका ये भूल रहीं हैं कि, उनकी पार्टी कांग्रेस की ही सहयोगी (I.N.D.I.A. गठबंधन) के नेता उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को पूरी तरह ख़त्म करने का आह्वान किया है, जिसमे कुछ कांग्रेस नेताओं (कार्ति चिदंबरम, लक्ष्मी रामचंद्रन, प्रियांक खड़गे) ने भी उनका समर्थन किया है। उदयनिधि के इस बेहद आपत्तिजनक बयान पर राहुल-प्रियंका दोनों चुप हैं। वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को G20 डिनर में न बुलाए जाने पर भी कांग्रेस ने जातिवादी कार्ड खेला था, और आरोप लगाया था कि, खड़गे दलित हैं, इसलिए उन्हें डिनर में नहीं बुलाया गया। जबकि तथ्य ये है कि, किसी भी पार्टी के अध्यक्ष को डिनर में नहीं बुलाया गया था, केवल केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री ही आमंत्रित थे और खड़गे इसमें से किसी पद पर नहीं हैं। वहीं, डिनर का आयोजन करने वालीं महामहिम द्रौपदी मुर्मू खुद आदिवासी समुदाय से आती हैं, पीएम मोदी ने जिन्हे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिलवाया, वो हेमंत सोरेन भी आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में कोई जातिगत बात थी ही नहीं, जैसा कांग्रेस ने आरोप लगाया था, वो भी उस समय जब दुनियाभर की मीडिया ने भारत पर आँखें गड़ा रखी थी। यानी जिन बातों को लेकर प्रियंका, केंद्र पर आरोप लगा रहीं हैं, वो काम उनके सहयोगी भी कर रहे हैं, ऐसे में अगर कांग्रेस को अपनी बात में धार लाना है, तो उसे अपने सहयोगियों को भी समझाना होगा, वरना उनकी लड़ाई कमज़ोर पड़ेगी ।
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