बीजिंग: एकाएक बढ़ा ही जा रहा कोरोना का प्रकोप आज पूरी दुनिया के लिए महामारी का रूप लेता रहा है. वही इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 2 लाख 39 हजार से अधिक मौते हो चुकी है. लेकिन अब भी यह मौत का खेल थमा नहीं है. इस वायरस ने आज पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. कई देशों के अस्पतालों में बेड भी नहीं बचे है तो कही खुद डॉ. इस वायरस का शिकार बनते जा रहें है.
चीन के पास नहीं है मुकम्मल जवाब: बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स के थिंक टैंक साउथ एशिया डेमोक्रेटिक फोरम के शोध निदेशक सीजफ्राइड ओ वोल्फ ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने के तौर तरीकों की हो रही अंतरराष्ट्रीय आलोचना का जवाब देने का चीन का नया रक्षात्मक तंत्र अस्थायी नहीं है. यह उसकी व्यापक विदेश नीति का हिस्सा है, जिसमें बल, प्रभाव, आर्थिक जंग, दुष्प्रचार अभियान और विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की अनदेखी किया जाना शामिल है.
चीन ने पार किया लाल निशान: शी चिनफिंग (चीनी राष्ट्रपति) को लगता है कि उनका देश उनकी दुष्प्रचार और आक्रामक नीति के चलते बच निकलेगा. चीन ने लाल निशान को पार किया है. कोरोना महामारी के चलते मानव, आर्थिक, सामाजिक और सियासी खामियाजा भुगत रहा अंतरराष्ट्रीय समुदाय चीन की जवाबदेही तय करेगा.
ये देश मान रहे चीन को जिम्मेदार: अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देश कोरोना महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार मान रहे हैं. इन देशों का मानना है कि चीन ने कोरोना वायरस पर पारदर्शिता नहीं दिखाई. ये देश महामारी से हुई जानमाल की क्षति की भरपाई के लिए चीन से हर्जाना मांगने की तैयारी में हैं.
ट्रंप बोले, वुहान की लैब में ही बना कोरोना: कोरोना महामारी को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के प्रति हमलावर रुख अख्तियार कर लिया है. उन्होंने पहली बार स्पष्ट तौर पर कहा, कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान शहर की एक वायरोलॉजी लैब में ही हुई थी. पूरी दुनिया में फैल चुके इस वायरस की चपेट में आकर अब तक दो लाख 33 हजार जिंदगियां दम तोड़ चुकी हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है.
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