वाशिंग्टन: बढ़ते साइबर हमलों को लेकर यूरोपीय संघ ने बड़ी कार्रवाई की है. यूरोपीय संघ ने साइबर पाबंदी लगाते हुए रूस, चीन और उत्तर कोरिया को निशाने पर लिया है. संघ ने रूसी सैन्य एजेंटों, चीनी साइबर जासूसों और उत्तर कोरियाई फर्म समेत संगठनों पर गंभीर इल्जाम लगाए हैं. यूरोपीय संघ ने छह लोगों और तीन समूहों पर बैन लगाए हैं, जिसमें रूस के GRU मिलिट्री इंटेलिंजेंस एजेंसी भी शामिल है.
EU के हेडक्वार्टर की ओर से जारी किए गए बयान में 2017 के 'WannaCry' रैनसवेयर, 'NotPetya' मालवेयर और 'Cloud Hopper' साइबर जासूसी के लिए उन्हें जिम्मेदार करार दिया है. EU की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने गुरुवार को कहा कि बैन के तहत यात्रा पर प्रतिबंध और संपत्ति जब्त किए जाने का प्रावधान है. इसके तहत आरोपी लोगों और संस्थाओं को फंडिंग ना देने का प्रावधान है. इस मामले में उन चार रूसी लोगों की शिनाख्त की गई है जो GRU के मेंबर हैं.
इन रूसी नागरिकों पर नीदरलैंड के संगठन, रासायनिक हथियारों के निषेध या OPCW के वाई-फाई नेटवर्क को हैक करने का इल्जाम है. यह संगठन सीरिया में रासायनिक हथियारों के प्रयोग मामले की तफ्तीश कर रहा है. बहरहाल, 2018 में वाई-फाई नेटवर्क पर किए गए अटैक को नीदरलैंड के अधिकारियों ने विफल कर दिया था.
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