नई दिल्ली: दिल्ली-NCR के वायु प्रदूषण में शुक्रवार बेशक पराली के धुएं का हिस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन सतह पर चलने वाली हवाओं की चाल बढने से गुणवत्ता ठीक होती जा रही है। 24 घंटे में 73 अंकों की कमी के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 239 पर पहुंच चुका है। इस दौरान दिल्ली की हवा बेहद खराब से खराब स्तर पर आ गई है। सफर का पूर्वानुमान है कि अगले 2 दिनों में सतह पर चलने वाली हवाओं की चाल तेज होने से प्रदूषण के स्तर में कोई बड़ा फेरबदल होने की कोई भी संभावना नहीं है। गुणवत्ता खराब स्तर में ही बनी रह सकती है।
सफर के मुताबिक, गुरूवार को पंजाब, हरियाणा व सीमावर्ती क्षेत्र में पराली जलाने के करीब 583 केस दर्ज हुए। इस बीच दिल्ली पहुंचने वाली हवाओं की दिशा में पश्चिम की तरफ से बढ़ रही है। इससे दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की मात्रा तेजी से बढ़ी। प्रधानमंत्री 2.5 का हिस्सा गुरुवार के 6 प्रतिशत की तुलना में शुक्रवार को 18 प्रतिशत तक पहुंच गया। इस सीजन में पराली का धुंआ सबसे अधिक दिल्ली पहुंचा है। जिसके बाद भी हवा की गुणवत्ता में सुधार आया है।
सीपीसीबी की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 239 रिकार्ड किया गया। जबकि 24 घंटे पहले गुरुवार को यह 312 पर चला गया था। विशेषज्ञों का आकलन है कि प्रदूषण के स्तर में गिरावट का बड़ा कारण सतह पर चलने वाली हवाओं की चाल बढ़ती जा रही है। तेज रफ्तार हवाओं ने दिल्ली के प्रदूषण को दूर-दूर तक ले जाने में सहायत की। इससे प्रदूषक दिल्ली की सतह पर जमा नहीं सके। नतीजा प्रदूषण स्तर में गिरावट में दर्ज किया गया।
अगले दो दिनों में हालात में बड़ा बदलाव नहीं: सफर का पूर्वानुमान है कि शनिवार व रविवार को सतह पर चलने वाली हवा की चाल में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। जिससे प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में बना रहेगा। इस मध्य अगर पराली के धुंए की मात्रा तेजी से बढ़ती है और ट्रांसपोर्ट लेवल विंड अनुकूल हाती है तो दिल्ली की आबोहवा में खराबी आने का अनुमान लगाया जा चुका है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में क्या हुआ बदलाव ? जानिए आज के भाव
बिहार चुनाव में पीएम मोदी से पहले होगी 'योगी' की एंट्री, 20 अक्टूबर से शुरू करेंगे प्रचार
पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष कोरोना पॉजिटिव, अस्पताल में हुए भर्ती