लखीसराय: शिक्षा का स्तर देश के जिस कोने में देखोगे वहां खामियां ही पाओंगे. जबकि सरकार की सबसे अव्वल जो प्राथमिकता हैं, उसमे शिक्षा भी अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं. लखीसराय जिला स्थापना के 23 वर्ष बीत गये हैं, लेकिन शिक्षा विभाग को 1994 से लेकर अब तक चारदीवारी नसीब नहीं हुई हैं. आज तक शिक्षा विभाग अनिवार्य और आधारभूत संसाधनों के लिए अपना सिर पीट रहा है.
विभाग की इस जिले में स्थिति यह है कि जिला शिक्षा कार्यालय का अपना स्थायी ठिकाना नहीं है. इस जिले के सात प्रखंड बने हुए हैं, लेकिन केवल 3 प्रखंडों पर ही अधिकारी मौजूद है. बाकी 4 पद खाली पड़े हुए है. साथ ही शिक्षा विभाग का स्थाई कार्यालय न होने के कारण सभी पदाधिकारियों का काम और पूरा सिस्टम पटरी से नीचे उतरा हुआ हैं.
किराए पर संचालित हो रहा एसएसए कार्यालय...
डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान का कार्यालय एवं बिहार शिक्षा परियोजना कार्यालय शहर के पुराने बाजार वार्ड नंबर 12 स्थित एक किराए के मकान में वर्षों से चल रहा है. यहां क्षेत्रफल के अभाव में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. महत्वपूर्ण फाईले और कागजात इधर-उधर बिखरे हुए पड़े हुए है. यहां तक की निगरानी कोषांग भी स्कूल के कक्ष में संचालित किया जा रहा है.
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