नई दिल्ली: अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने भले ही दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Election) में पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया हो, मगर मेयर चुनाव को लेकर अब भी उसे एक बड़ा डर सता रहा है। दरअसल, 'AAP' पूरी ताकत के साथ मेयर चुनाव लड़ना चाहती है। मेयर चुनाव की तैयारी में लगने के साथ ही AAP एमसीडी एक्ट के तहत पूरी चुनाव प्रक्रिया के कानूनी पहलुओं के बारे में जानकारी ले रही है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया है कि अभी महापौर चुनाव में वक़्त है। अभी हम लोग कानूनी पहलुओं को देख रहे हैं। उसके बाद मेयर के नाम का चयन किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही नवनिर्वाचित पार्षदों की मीटिंग जल्द बुलाई जाएगी।
बता दें कि, दिल्ली में 15 दिसंबर तक निगम चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू है। आचार संहिता खत्म होने के बाद ही MCD के गठन के साथ मेयर के चुनाव की प्रक्रिया आरंभ होगी। MCD में पूर्ण बहुमत के लिए 126 पार्षदों की आवश्यकता है। AAP ने कुल 134 सीट पर जीत दर्ज की है। उसके बाद भी AAP, मेयर चुनाव में किसी भी चूक से बचने के लिए पूरी तैयारी कर रही है। दरअसल, मेयर चुनाव में दिल्ली के सांसद, 14 विधायकों को मतदान का अधिकार प्राप्त है। इन 14 विधायकों को दिल्ली विधानसभा स्पीकर नामित करता है। हालांकि, उसकी अंतिम मंजूरी उपराज्यपाल (LG) से लेनी होती है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, अभी हम मताधिकार के कानूनी पहलुओं की जानकारी ले रहे हैं।
दरअसल, AAP को डर है कि कहीं भाजपा जिसके पास 104 पार्षद हैं, वह चुनाव में कोई उलटफेर न कर दे। चूकि पहले साल महिला महापौर होगी। AAP की तरफ से 140 वार्ड पर महिलाओं को टिकट दिया गया था, जिसमें 75 प्रत्याशियों को जीत मिली है। उन्हीं में से एक का चयन होगा। हालांकि, पार्टी का कहना है कि अभी कोई नाम निर्धारित नहीं है। पार्टी का कहना है कि पहले पार्षदों के साथ एक मीटिंग होगी। उसमें कुछ नाम तय करने के बाद पार्टी के पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) की मीटिंग होगी। उसमें ही महापौर के नाम पर अंतिम मुहर लगेगी।
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