'सोचना भी अपराध', राहुल गांधी के आरक्षण वाले बयान पर बोले चिराग पासवान

'सोचना भी अपराध', राहुल गांधी के आरक्षण वाले बयान पर बोले चिराग पासवान
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पटना: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा आरक्षण पर अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में दिए गए बयान को लेकर सियासत गरमा गई है। केंद्रीय मंत्री एवं एलजेपीआर के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि आरक्षण को समाप्त करना तो दूर, इसके बारे में सोचना भी अपराध है। इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा था कि उनके 'नाटक' से सतर्क रहने की आवश्यकता है। चिराग पासवान ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से कांग्रेस पार्टी की मानसिकता उजागर हो गई है। कांग्रेस चाहती है कि बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर द्वारा दिए गए आरक्षण को समाप्त कर दिया जाए, तथा यह उनकी प्राथमिकताओं में रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संवैधानिक व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए आरक्षण जरुरी है। इसलिए, आरक्षण को समाप्त करने या उससे छेड़छाड़ करने का विचार भी नहीं किया जा सकता।

आगे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस मानसिकता वाले लोग जनता को गुमराह करने के लिए ऐसे बयानों का सहारा लेते रहे हैं। आरक्षण का मुद्दा कांग्रेस का एक चुनावी जुमला है, जिससे हमें सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र में लंबे वक़्त तक सत्ता में रहने के बाद भी कांग्रेस न तो जातीय जनगणना करा पाई तथा न ही OBC आरक्षण को लागू कर पाई। इससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस की सोच शुरू से आरक्षण विरोधी रही है। चिराग पासवान ने यह भी कहा कि आरक्षण समाप्त करने के षड्यंत्र का दोषारोपण कांग्रेस दूसरों पर करती है, जबकि हकीकत यह है कि यह मानसिकता स्वयं उनकी ही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ नेता प्रतिपक्ष आरक्षण समाप्त करने की सोच रखते हैं, जबकि दूसरी तरफ NDA के सर्वमान्य नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरक्षण के सभी प्रावधानों को ज्यों का त्यों बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इससे पहले, बसपा प्रमुख मायावती ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि उनके 'नाटक' से सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि लंबे वक़्त तक केंद्र में सत्ता में रहते हुए कांग्रेस न तो OBC आरक्षण लागू कर पाई तथा न ही जातीय जनगणना करवा पाई। अब कांग्रेस सत्ता में आने के लिए इन मुद्दों का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन उनके इस नाटक से सचेत रहना चाहिए। राहुल गांधी ने अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए आरक्षण पर बड़ा बयान दिया था। उनसे पूछा गया था कि भारत में जाति आधारित आरक्षण कब तक जारी रहेगा। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस आरक्षण समाप्त करने के बारे में तब सोचेगी, जब देश में निष्पक्षता होगी। फिलहाल ऐसी परिस्थितियां नहीं हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि जब वित्तीय आंकड़े देखें तो पता चलता है कि आदिवासियों को 100 रुपये में से सिर्फ 10 पैसे, दलितों को 5 रुपये और ओबीसी को भी तकरीबन इतनी ही धनराशि प्राप्त होती है। वास्तविकता यह है कि इन वर्गों को भागीदारी नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि देश के 90 प्रतिशत लोगों को समान अवसर नहीं प्राप्त हो रहे हैं। यदि देश के बड़े बिजनेस लीडर्स की सूची देखें, तो उसमें किसी आदिवासी, दलित या ओबीसी का नाम ढूंढना मुश्किल है।

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