नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सेवानिवृत्त CJI) जस्टिस जे एस केहर ने धर्मान्तरण पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि आज भी सिख धर्म उन्हीं चुनौतियों से जूझ रहा है, जैसा भाई वीर सिंह के दौर में था। प्रसिद्ध सिख विद्वान भाई वीर सिंह की 150वीं जयंती पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए जस्टिस केहर ने कहा कि सिख धर्म भाई वीर सिंह के समय की उन्हीं तीन चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनका उन्होंने भी सामना किया था।
पूर्व CJI ने आधुनिकीकरण, पौराणिकता और धर्मांतरण को सिख समुदाय के लिए बड़ी चुनौतियों के तौर पर पेश किया। उन्होंने कहा कि, 'भाई वीर सिंह आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने अपने दौर में थे। जितना अधिक हम उनसे सीखेंगे, उतना ही ज्यादा हम मौजूदा समय में सामना कर रहे संघर्षों से निपटने में सक्षम होंगे।' भाई वीर सिंह की 150 वीं जयंती भाई वीर सिंह साहित्य सदन (BVSS) सोसाइटी द्वारा साहित्य अकादमी, दिल्ली और दिल्ली यूनिवर्सिटी के उत्तरी परिसर में श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज के सहयोग से मनाई जा रही है। सिख विद्वान का जन्म 1872 में हुआ था और उनका देहांत 1957 में हुआ था।
पूर्व CJI केहर ने भाई वीर सिंह के संबंध में ब्रिटैनिका एनसाइक्लोपीडिया का हवाला देते हुए कहा कि, 'ऐसे वक़्त में उन्होंने ये लिखा जब सिख धर्म, सियासत और पंजाबी भाषा पर अंग्रेजों का कड़ा प्रहार हो रहा था और सिखों ने अपने जीवन के तरीके के मूल्य पर संदेह करना आरंभ कर दिया था। जस्टिस केहर ने कहा कि अपनी बहुमुखी कलम से भाई वीर सिंह ने सिखों के साहस, दर्शन और आदर्शों की तारीफ की।
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